Sunday, December 27, 2020
Friday, December 25, 2020
Dialogue
Tuesday, December 22, 2020
दिल है गिरवी तेरे पास
लब्ज कुछ और कह जाते हैं
Sunday, December 20, 2020
Saturday, December 19, 2020
खुद को भूल गया हूं
किसने तुम्हें हैं रोका ।
Tuesday, December 15, 2020
Wednesday, December 9, 2020
अन्नदाता के लिए मोदी के मन में क्या?
आखिर क्यों माननीय प्रधानमंत्री जी ,जो किसानों के हित में बात करते हैं, वो आधे-अधूरे कृषि कानून लेकर हैं। क्या बड़े उद्योगपतियों के लिए ये बिल लाया गया था? मौजूदा परिस्थितियां तो यही कहती हैंकि, हां यह बिल बड़े उद्योगपतियों के लिए लाया गया था उनके फायदे के लिए। मैंने फिर मैंने मौजूदा हालात को गहराई से विश्लेषण किया ,तो यह पाया की ,अभी जो देश में किसान आंदोलन हो रहा है , उसमें विपक्षी पार्टियां पूरी तरह मिलकर ,पूरा किसान आंदोलन को ही अपना विरोध करने का हथियार बना लिया है ,जैसे ही भारत बंद का घोषणा किसानों द्वारा किया गया, इसमें सारे विपक्षी पार्टियां इसके साथ खड़े होकर, देश के कई हिस्सों में उग्र प्रदर्शन किए। सोचने की बात यह हैंकी, जो पार्टियां 70 साल तक देश में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शासन किए वो 70 साल में भी किसानों की स्थिति को सुधारने में सफल नहीं हुए थे। किसानों को बस वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किए हैं, आज वही पार्टियां किसान के हित में कैसे बोल रहे हैं?।ये पार्टियां सिर्फ और सिर्फ किसानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किए हैं , वो अचानक इनके हमदर्द कैसे बन गए?। देशभर में भारत बंद के नाम पर हिंसा किया गया। मौजूदा कानून उद्योगपतियों के हित में है, पर कैसे? 1)अगर उद्योगपति सरकारी मंडी से बाहर MSP से कम कीमत पर भी फसल को खरीदते हैं, तो उन पर कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती। 2) अगर फसल खरीद बिक्री में कोई दिक्कत आती है तो इसके समाधान के लिए ब्यूरोक्रेसी के(ट्रिब्यूनल कोर्ट ) माध्यम से विवाद का निपटारा किया जाएगा। सिविल कोर्ट के अधिकार से भी वंचित रखा गया है। और हमारे देश में एक आम आदमी भी जानता हैंकी, हमारे अफसर गरीबों की सुनते कहां है ,और जब लड़ाई सीधे तौर पर उद्योगपतियों से होगा ,तो ये अफसर किसके पक्ष लेंगे यह साफ दिखता है। यह तो हो गई मौजूदा कानून के बारे में, जो सिर्फ और सिर्फ बड़े उद्योगपतियों के हक में है। और हमारे किसानों के लिए यह काला कानून है। अब बात करते हैं कानूनों में सुधार की, जिसे केंद्र सरकार ने माना हैंकी सुधार करेंगे। 1)मंडी से बाहर बेचना भी कानून के दायरे में आएंगा, अर्थात अब मंडी के बाहर भी कोई भी व्यापारी MSP से नीचे नहीं खरीद सकता। 2) अब सिविल कोर्ट में भी इन मामलों का निपटारा होगा। सुधार होने के बाद यह कानून किसानों के हित में तो होंगे ,पर जो व्यापारी हैं, उनके लिए यह काला कानून हो जाएगा ,जिसे सरकार बहुत अच्छे से जानती थी। कृषि कानून में सुधार होने के बाद सरकार ने व्यापारियों को भंडारण करने की जो सहूलियत दी है, वह अपने आप खत्म हो जाएगा। जानते हैं कैसे? व्यापारी अन भंडारण करेंगे ,ना कि सोना-चांदी, जो सालों साल रखने के बाद भी खराब नहीं होगा। हर 6 महीने पर नई फसल आ ही जाती है, अब व्यापारी अगर यह सोच कर अन का भंडारण करता हैंकि हम बाद में इसे उच्च कीमत पर बेचेंगे और नई फसल अगर आती है, तो हम किसानों के मजबूरी का फायदा उठाकर कम दाम पर भी खरीद सकते हैं। तो अब ऐसा होगा नहीं ,क्योंकि किसान मंडी के बाहर में भी अपनी फसल को MSP पर ही बेचेगा, अगर कोई व्यापारी MSP से कम दर पर खरीदा है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी। MSP पर देश के फसल के कुल उत्पादन का 6% ही सरकारी मंडियों में बेची जाती थी ,बाकी के 94% फसल मंडी से बाहर बेचे जाते थे। बेचे जाने वाले 94% फसल का कोई माई-बाप नहीं था,की उसे MSP से ज्यादा में बेचा गया या कम में। लेकिन अगर हम किसानों से बात करके जानते हैं ,तो हमारे देश के किसान मजबूत किसान नहीं ,मजबूर और लाचार किसान है ,जिन्हें इस बात की फिक्र सताती हैंकि ,कहीं ये अन भंडारण करने के चक्कर में उनका फसल ही खराब ना हो जाए ,क्योंकि उनके पास भंडारण की कोई अच्छी सुविधा होती ही नहीं है। फसल उगाने के लिए भारी भरकम कर्ज भी उन्हें बहुत चल चुकाना होता है ,उस कारण भी किसान फसल होते ही, उस फसल को बेचकर मुक्त होना चाहता है और यही कारण हैंकि किसान सरकारी मंडी से ज्यादा ,मंडी के बाहर बेच देते थे ,वह भी MSP से कम दरों पर। पुराने मंडी व्यवस्था से सबसे ज्यादा व्यापारियों का फायदा होता था ,जो हमारे देश के मजबूर किसानों का फायदा उठाते थे ,कम दरों पर फसलों की खरीदी करते थे और उससे अधिक कीमत पर बेचते थे। अब सोचिए क्या होता जब सरकार शुरुआत में ही कृषि कानून में यह जोड़ देती की, मंडी के बाहर बेचे जाने वाले फसल भी कानून के दायरे में आएंगे । मंडी के बाहर 94% फसल खरीदने वाले व्यापारी के लिए यह एक काला कानून हो जाता। हमारे देश के गरीब किसान, जो आंदोलन के लिए पैसे नहीं दे सकते हैं, उनके लिए देश के सारे टुकड़े-टुकड़े गैंग,बुद्धिजीवी लोग देशभर में हंगामा खड़ा कर दिए है। जरा सोचिए क्या होता ,जब व्यापारियों से मलाई खाने वाले ये टुकड़े-टुकड़े गैंग, बुद्धिजीवी लोग व्यापारियों के साथ होते हैं। किसान भाइयों के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का असर नाममात्र का हुआ, सोचिए जब ये व्यापारी लोग देशव्यापी आंदोलन करते हैं और ये सारे टुकड़े-टुकड़े गैंग ,बुद्धिजीवी लोग, एक साथ आंदोलन करते हैं,तो क्या होता ,पूरे देश को जला कर रख देते हैं ये लोग। क्योंकि व्यापारी लोग टुकड़े-टुकड़े गैंग और बुद्धिजीवियों को बहुत मात्रा में funding करते आंदोलन के लिए। पूरे देश की रफ्तार थम जाती। लेकिन अब जो कानून में सुधार होगा,वो व्यापारियों के लिए तो काला कानून होगा ,लेकिन किसानों के हित में होगा। लेकिन टुकड़े-टुकड़े गैंग और बुद्धिजीवियों के लिए आंदोलन करने के लिए कुछ भी नहीं होगा ,अगर वो आंदोलन करते हैं ,तो उनका दोहरा चरित्र पूरे देश को पता चल जाएगा।
Sunday, December 6, 2020
शोर को कैसे छुपाओगे
Thursday, December 3, 2020
My Humble Request to My Respected Prime Minister
Tuesday, December 1, 2020
इंतजार
Sunday, November 29, 2020
असदुद्दीन ओवैसी के पार्टी aimim के जीत,जात पात की राजनीति करने वाले क्षेत्रीय पार्टी के भविष्य गर्त में जा सकते हैं,पर कैसे?
Friday, November 20, 2020
तुम मोहब्बत के काबिल नहीं
Wednesday, November 18, 2020
तुम अब हो ही नहीं
Monday, November 16, 2020
Saturday, November 14, 2020
फिर तुम्हें सुनाऊंगा
Monday, November 9, 2020
मेरे एहसास
Wednesday, November 4, 2020
मेरे एहसास
Friday, October 30, 2020
मेरे एहसास
Thursday, October 29, 2020
मेरे एहसास
Tuesday, October 27, 2020
मेरे एहसास
Thursday, October 22, 2020
मेरे एहसास
Thursday, October 15, 2020
मेरा जीना अभी बाक़ी है
Monday, October 12, 2020
मेरे एहसास
मेरे एहसास
Saturday, October 10, 2020
My Feelings.
Friday, October 9, 2020
मेरे एहसास
Tuesday, October 6, 2020
मेरे एहसास
Tuesday, September 15, 2020
मेरे एहसास
Monday, September 14, 2020
Why China is evacuating the village adjacent to the LOC
Wednesday, September 9, 2020
मेरे एहसास
Friday, September 4, 2020
मेरे एहसास
अखियां रोना छोड़ दिया, पर देखी छोड़ी ना तेरी तस्वीर-पर देखी छोड़ी ना तेरी तस्वीर।
दुनिया मैं क्या देखूं, मेरी दुनिया है तेरी तस्वीर ।
Wednesday, September 2, 2020
Freedom of expression in india
हमारे देश में अभिव्यक्ति की आजादी उस सौतेली मां की तरह है, जो एक बच्चे को प्यार देती है परंतु दूसरे को नहीं।
Friday, August 28, 2020
Wednesday, August 26, 2020
मेरे एहसास
Wednesday, August 19, 2020
Who will win the game
पत्ते तुम भी खेलो, खेलेंगे हम भी एक खेल, बाजी तेरी भी होगी ,बाजी मेरी भी होगी , देखते हैं ,जीतता कौन है ये खेल ?
Tuesday, August 18, 2020
मेरे एहसास
पूछा मैंने उन रेतों से ,तुम तो कभी पत्थर हुआ करते थे ,रेत कैसे बन गए?, क्या तुमने भी किन्ही से मोहब्बत कर लिया था, जो इस कदर टूट गए।
Listen to the heart
दुनिया क्या कहेगी ,दुनिया क्या सोचेगी ,अगर इन बातों को सोच कर जिओगे, तो जिंदगी जिंदगी नहीं ,बोझ बन जाएगी और इस बोझ को दुनिया, परिवार ,समाज के लिए ढोना पड़ेगा जिंदगी भर।
जिंदगी जीनी है तो दिल की सुनो और बिंदास जीओ।
Saturday, August 15, 2020
मेरे एहसास
रुका मैं भी यहां था, रुके तुम भी यही थे, हम तेरे वास्ते और तुम मेरे वास्ते ,ख्याल अच्छा था हमारा !
Tuesday, August 11, 2020
मेरे एहसास
बड़ी मुश्किल में था मेरा दिल,बड़ी मुश्किल में था मेरा दिल, फिर मैंने इसे समझाया, तेरे ना होने पर भी ,कुछ नहीं बदलेगा और तेरे होने पर भी, कुछ नहीं बदलेगा, फिर तेरे तड़पने का क्या फायदा ?
मेरे एहसास
मचा दो दिल में तुम भी शोर, जो तुम लफ्जों से ना कह सकी इस दुनिया से ,दुनिया तेरी धड़कन से सुन ले।
Monday, August 10, 2020
What will happen after the end of the Coronavirus(My Virtual Words)
Sunday, August 2, 2020
मेरे एहसास
Thursday, July 30, 2020
#JusticeForSushantSinghRajput
Tuesday, July 28, 2020
A Silent Word
मेरे एहसास
Saturday, July 25, 2020
मेरे एहसास
मेरे एहसास
Wednesday, July 22, 2020
Tuesday, July 21, 2020
Friday, July 17, 2020
याद आए, तो मुस्कुरा देना
Wednesday, July 15, 2020
ख्वाहिशें थी ,कोई हकीकत नहीं
सुना है ख्वाहिश कोई चुरा ले गया, अब उन्हें कौन बताए,ख्वाहिशें थी ,कोई हकीकत नहीं, फिर ख्वाहिशें सजा लेंगे।
Tuesday, July 14, 2020
Nepal's independence is now in the hands of the people of Nepal
चीन बहुत ही शातिर देश है, चीन जिस क्षेत्र को हथियाना चाहता है ,पहले वह उस क्षेत्र के लोगों को उस क्षेत्र के सुरक्षा देने वाले देश के प्रति इतनी नफरत पैदा करवाता हैकि, सुरक्षा देने वाले देश साथी उसका साथी ना दें, और जब चीन को लगता है तब इस क्षेत्र को सुरक्षा देने वाले कोई नहीं है तो चीन उस क्षेत्र पर कब्जा कर लेता है । चीन तिब्बत वाली चाल नेपाल के साथ भी खेल रहा है। जब भारत आजाद हुआ था ,तब चीन के उकसावे पर तिब्बत के सरकार बार-बार भारत सरकार को यह Notice दे रही थी, अंग्रेज अब जा चुके हैं, हिमालयन क्षेत्र तिब्बत के हैं, इसे अब तिब्बत के हवाले कर देना चाहिए। और इसका परिणाम यह हुआ की चीन ने तिब्बत की सहायता करने के झूठी दिलासा देकर चीन ने तिब्बत पर ही कब्जा कर लिया और भारत कुछ नहीं किया। चीन नेपाल के साथ भी सारी वहीं परिस्थितियां तैयार कर रहा है, जो तिब्बत के साथ किया था। अब यह फैसला नेपाल के लोगों को करना हैकि,वह अपना देश तिब्बत की तरह चीन को सौंपना चाहते हैं या वह एक स्वतंत्र देश में रहना चाहते हैं। यह तो साफ है की नेपाल की मौजूदा जो सरकार है वह चीन के द्वारा ही बनवाई गई सरकार है।
Sunday, July 12, 2020
मेरे एहसास
Wednesday, July 1, 2020
Tuesday, June 30, 2020
Keep your mobile away from your confidential meeting
अगर आप अपने Mobile को Switch off कर Meeting में बैठते हैं, तो आप इस गलतफहमी में ना रहे कि, आपके Mobile पर कोई नजर नहीं रख रहा है। Mobile Companies Battery Inbuilt Mobile इसीलिए बना रहे हैंकि,आपके Mobile Switch off होने के बाद भी आपके Mobile पर नजर रखा जा सके, मेरा उन लोगों से अनुरोध है ,जो देश की सुरक्षा में लगे हैं और कोई महत्वपूर्ण Meeting में बैठे हुए हैं ,वह अपना Mobile Meeting से दूर ही रखें ।
Monday, June 29, 2020
Why are our country's #Liberals crying to rise the prices of petrol and diesel?
हमारे देश के बुद्धिजीवी लोग लंबी-लंबी Articles लिख रहे हैकिं देश में Petrol, diesel का दाम बढ़ गया है, लेकिन इस बात पर कोई Articles नहीं लिख रहे हैंकि, हमारी सरकार करोड़ों रुपए हर दिन Covid-19 के Test और उनके इलाज पर खर्च कर रही है। लगभग देश में 180000 से 190000 प्रतिदिन Covid-19 मरीजों का Test किया जा रहा है। एक Test का private hospital ₹2500 ले रहे हैं । अगर हम मान लेते हैं की Government को एक Covid-19 Test में ₹1000 की खर्च आती है, तो प्रतिदिन सरकार सिर्फ Covid-19 की Testing के लिए लगभग 180000*1000=₹180,000,000 खर्च करती है। यह खर्च सिर्फ नए मरीजों के लिए। और 3 से 4 दिन बाद, उन मरीजों का दोबारा Test किया जा रहा है जिनका Covid-19 Testing पहले positive आया था। इतना सारा रुपया सिर्फ और सिर्फ Testing पर खर्च होती है बाकी और को आप जोड़ लो।
Sunday, June 28, 2020
Nobody will make you cry
तन्हाईयों में जीना सीख लो दोस्त ,अगर सीख लिए, तो तुम्हें कोई रुला ना पाएगा ।
शायद उन्हें यह ख्याल आए !
चाहत है दिल की, कि उनकी चाहत में, पूरी उम्र तन्हा गुजार दूं, मेरे मीट जाने पर शायद! मेरे मीट जाने पर, शायद उन्हें यह ख्याल आए ,की कोई मुझसे इतनी भी मोहब्बत करता था।
Thursday, June 25, 2020
Sunday, June 21, 2020
मेरे एहसास
इश्क है तो कबूल कर,दिल में छुपा कर रखे हो क्यों, माना कुछ मजबूरियां हैं, साथ ना चल तू सही, साथ हो तो सही, फिर देखते हैं क्या होता है, एक बार नजरें मिलाओ तो सही।
अनकहे शब्द
अगर तुम्हें खुद के बारे में जानना है तो इतिहास पढ़ो, इतिहास वो आईना है, जो तुम्हें बताएगा कि, तुम हो कौन?
Friday, June 19, 2020
चीनी सामानों का बहिष्कार करो, अपना नुकसान नहीं
चीनी सामान के boycott का मतलब यह नहीं है चीनी सामान को पहले खरीदो फिर तोड़ो या खरीदे हुए सामान जो आपके पास है ,उसको तोड़ के चीनी सामानो का बहिष्कार नहीं किया जा सकता है, बल्कि हम अपना ही नुकसान कर रहे हैं । चीनी सामान का boycott मतलब है कि अब चीनी सामान नहीं खरीदना है । मतलब अब चीन को पैसा नहीं देना है। दूसरी बात, लोग IPL में Vivo के sponsor CANCEL करने की मांग उठ रही है,विज्ञापनों के प्रचार करने वाले स्टारों पर बोला जा रहा है कि इनका प्रचार मत करो। अब बात हमारी समझ में यह नहीं आ रही है कि ये लोग तो चीन से पैसा लेते हैं, देते तो है नहीं। और ना ही इनके पैसे से देश विरोधी नारे लगाते हैं। तो फिर इस प्रकार के संदेश क्यों। जिन्हें प्रचार करना है करने दो ,हम चीनी सामान को खरीदेंगे ही नहीं । इस प्रकार हम 2-2 तरह से नुकसान कर सकते हैं ,पहला हम उनके सामान नहीं खरीदेंगे और दूसरा वो जो प्रचार पर खर्च करेंगे वह भी उनका बेकार जाएगा।
Monday, June 15, 2020
मेरे एहसास
अगर मैं आसमां पर भी हूं, पर ख्वाहिशें इतनी ही पालता हूंकि ,जब जमीन पर आऊ तो जी सकूं, हां मेरे चाहने वाले कम हो सकते हैं, या हो भी नहीं सकते, पर खुद से चाहना क्यो कम कर दूं।
मेरे एहसास(lines of my Novel)
तेरी नाराजगी से रूठा हूं मैं, अब मनाने की कोई वजह ना रही, अब भला तस्वीरों से कैसी शिकायत।
Sunday, June 14, 2020
मेरे एहसास
ऐ जिंदगी कभी तुमसे कोई सवाल ना किया, जिधर बोला दौड़ता गया मैं, अब थक गया हूं ऐ जिंदगी, कोई तो मंजिल मुकम्मल कर दे।
मेरे एहसास(lines of my Novel)
रूठना ही था, तो बता देते, हम भी मनाना सीख लेते, यूं ही छोड़ गए, छोड़ते वक्त क्या तुम्हें यह ख्याल नहीं आया ,मेरे बगैर उसका क्या होगा।
मेरे एहसास(Lines of my Novel)
तेरा गम ,उन्हें भी होगा ,जो तेरे ना थे, एक दफा पूछ तो लेते,जाने से पहले।
Friday, June 12, 2020
मेरे एहसास
तुम कहो तो जिंदगी, तुम्हें कुछ और वक्त दे दूं, वक्त गुजरने पर ,तुम्हें यह शिकायत तो नहीं होगी कि, हमने तुम्हें वक्त ना दिया।
Thursday, June 4, 2020
मेरे एहसास
बस कर ए दर्द ,अब रुक भी जा ,अब आगे कोई रास्ता नहीं, मिटना ही तेरी मंजिल था,तो फिर साथ में चले ही क्यों थे।
Saturday, May 30, 2020
मेरे एहसास
Monday, May 25, 2020
Wednesday, May 20, 2020
मेरे एहसास(lines of my novel)
मेरे एहसास(lines of my novel)
Monday, May 18, 2020
मेरे एहसास
Saturday, May 16, 2020
मेरे एहसास
Tuesday, May 12, 2020
मेरे एहसास
Saturday, May 9, 2020
Monday, May 4, 2020
मेरे एहसास
मेरे एहसास
Friday, May 1, 2020
Thursday, April 30, 2020
मेरे एहसास
Monday, April 27, 2020
क्यों जरूरी था जमातियों के लिए अलग से आंकड़ा जारी करना
मेरे एहसास
Friday, April 17, 2020
मेरे एहसास
Wednesday, April 15, 2020
Monday, April 13, 2020
Friday, April 10, 2020
My Virtual Words For Corona virus (COVID-19)
पूरी दुनिया में हमारा देश Hydroxychloroquine दवा को बांट रहा है और कहा जा रहा है इस दवा से कोरोना वायरस (COVID-19) पीड़ित मरीजों की हालत में सुधार हो रही है और वो ठीक हो रहे हैं ,पर ऐसा सच में है। मुझे लगता है शायद नहीं, यह दवा कोरोना वायरस (COVID-19) को मार नहीं रही है, शायद यह दवा रोना के संख्या को नियंत्रित यानी रोक दे रही है और कोरोना वायरस (COVID-19) को कमजोर कर रही है, जैसे ही क्रोना वायरस कमजोर पड़ रही है ,वैसे ही हमारे शरीर के immune System उसे नष्ट कर दे रही है।