Sunday, January 19, 2020

मेरे एहसास

बिखरी है खामोशियां कुछ इस कदर,दिल की धड़कने अब कान भी सुनने लगी, सोचा रोक दूं इन धड़कनों को, पर खयाल आया अभी मंजिल बाकी है।

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