हिंदी शायरी, Hindi Shayari, Political view, Social Novel and Lyrics
Monday, October 12, 2020
मेरे एहसास
कभी खामोश रहूं, तो मेरी खामोशी पढ़ लेना, अगर कहीं दिख जाऊं तो आवाज लगा देना, अगर मैं आवाज सुनकर भी ना रुक पाऊं ,तो समझ लेना ,अब मैं खुद में डूब गया हूं।
No comments:
Post a Comment