Tuesday, March 10, 2020

जिंदगी

फुर्सत मिला था मुझे भी ए जिंदगी, तो सोचा तुझे पढ़ लूं ,तेरे कुछ ही पन्ने पलटे थे हमने, फिर हिम्मत ना हुआ आगे पढ़ने को ,कुछ ही पन्नें तेरी पूरी किताब खोल दी थी।

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