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Monday, October 12, 2020
मेरे एहसास
ना पास हम थे ,ना पास वो थे ,फिर भी मुलाकातों का सिलसिला चलता रहा।
कभी ख्वाबों में ,तो कभी यादों में।जब आंखें खुली, तो ना वो थे,ना हम थे, शिकायत कब किनसे था करना ,हमने यादों को समेटा और निकल गए, हम अपने रास्ते और वो अपने रास्ते ।
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