Thursday, October 29, 2020

मेरे एहसास

मुस्कुराकर कहूं या रोकर कहूं, हंसता रहा जमाना, उन्हें तो मैं बोलता दिखा, वो कैसे मान लें कि,कत्ल हुआ है हमारा। वो कत्ल भी कर दिए और सबूत भी ना छोड़ा।

No comments:

Post a Comment