Friday, June 28, 2019

मेरे एहसास

वक़्त जरूर रूठ गए हैं, पर यादों का क्या, वो तो अपने हैं, फिर उन्हीं में खो जाते हैं।

Tuesday, June 4, 2019

मेरे एहसास

लेखकों के पास एक खूबसूरत कला होती है ,वह अपने दर्द, खुशी, आंसू को अपने लफ्जों से, आंखों से नहीं बल्कि शब्दों में लिखकर बयां कर देते हैं।

Saturday, June 1, 2019

मेरे एहसास

सोचा कुछ फरियाद उनसे भी कर ले,जिसने उन्हें बनाया। आवाज आया फरियादे औकात देख कर किया कर ।

मेरे एहसास

उम्र तो ना जाने कितने गुजर गए, पास बैठकर भी दूरियां ना जाने कितने बढ़ गए , कभी पूछा नहीं वो शब्द, जो खुद को भुला दिया। फिर सोचना क्या था,हमने खुदा को ही फिर से मुजरिम बना दिया