Friday, October 30, 2020

मेरे एहसास

तुमसे मिलने की तमन्ना बहुत थी, पर मिल ना पाया, पर यकीन मानो, कोशिश पूरी की थी। जब-जब चाहा, तुझे तेरे हम पाया, पर यकीन मानो, तमन्ना बदल गई ,पर जो ना बदली ओ तेरी आदत थी, जो आज भी है ,तुझे देखने की।

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