शायरों की दुनिया भी अजीब होती है, वो अपनी ही दुनिया में जीते हैं और एक दिन अपनी ही दुनिया में मर जाते हैं ।
एक शायर अपने जिंदगी के आखिरी पड़ाव में अपनी आत्मा से कहता है
" तू मेरी ना हो सकी यह हकीकत है ,पर एक और हकीकत यह भी हैंकि, तू किसी और की भी ना हो सकी"।
Thursday, April 30, 2020
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