Friday, December 31, 2021

ईश्वर तो नहीं मैं

आपकी हर चाहत को हम अपनी चाहत बना ले, ईश्वर तो नहीं मैं, पर आप हमेशा खुश रहें, ईश्वर से इतना तो मांग लेता हूं मैं।

Monday, December 27, 2021

Unconditional

तेरे हिस्से का आंसू भी गिरा देता हूं,शर्त उसमें भी होती है कि, तुझे दिखा ना पाऊं। एक मोहब्बत ही है, जो तुमसे बेशर्त करते हैं।

Thursday, December 23, 2021

शिकायतें अब नहीं करूंगा मैं

शिकायतें नहीं करूंगा अब तुम से, पर तुम्हारी शिकायतें होनी चाहिए,इसी बहाने तुम्हें सुनता तो रहूंगा मैं। हवा कौन सा क़ैद में रहती हैं, पर गुजरती तो हर रोज है ना।

तू ही ख्वाहिश

अधूरा इसलिए नहीं हूं की ख्वाहिशें नहीं है, तुम ही ख्वाहिश हो,यह ख्वाहिश तुम्हें बताने में शायद देर हो गई।

Friday, December 17, 2021

आज फिर तुम्हारी याद आई

आज फिर तुम्हारी याद आई, फिर सोचा तुम्हारी तस्वीरें देख लूं ।सोच फिर क्या हुआ होगा, अगर तस्वीर ना होती, तो तुम मुझे गले से लगा लेते हैं।

Saturday, December 4, 2021

The Philosophy of Nonviolence

अहिंसा सिर्फ आपको महान बना सकता है, आपको आपका अधिकार नहीं दिला सकता। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं हैंकी, आपके अधिकार को दिलाने में अहिंसा का कोई महत्व नहीं है। अहिंसा आपके सफलता का वह पहली सीढ़ी है,जो आगे पहुंचाने का रास्ता दिखाती है। अहिंसा आपको विषम से विषम परिस्थितियों को सहन करने लायक बनाती है। लोहे को गर्म कर, उसे बार-बार पीटने पर, उसके द्वारा जो शस्त्र बनता है, वह काफी कठोर होता है। अगर कोई शस्त्र बनाने में यह प्रक्रिया पालन नहीं किया जाता है, तो वह शस्त्र युद्ध में पहले ही वार झेल नहीं पाता है और टूट जाता है। अगर आपको अपने लक्ष्य को पाना है, तो सबसे पहले आपको उस लक्ष्य के जरूरतों के अनुसार आपको अपने आप को बनाना पड़ेगा। अगर मैं जब अहिंसा की बात करता हूं तो वहां हिंसा स्वयं आ जाती है। और जब बात हिंसा की आती है ,तो वहां हिंसा को समाप्त करना ही एकमात्र उद्देश्य होता है। और अगर आप हिंसा को समाप्त करना चाहते हैं ,तो हिंसा सहन करने की क्षमता भी आपके अंदर होनी चाहिए। मिट्टी के बर्तन में अगर पानी रखनी है, तो पहले मिट्टी के बर्तन को आग में तपाना ही पड़ता है। अगर आपको हिंसा के खिलाफ लड़ना है, तो पहले आपको हिंसा सहने की क्षमता होनी ही चाहिए। अहिंसा वो अग्नि रूपी ताप है,जो आपको हिंसा सहने की क्षमता प्रदान करती है और आपको हिंसा के खिलाफ लड़ने के लायक बनाती है। अहिंसा आपको कायर नहीं बनाती, बल्कि अहिंसा आपको आपके उद्देश्य के लायक बनाती है। जल को वाष्प बनने से तब तक रोक सकते हैं ,जब तक उसमें को ऊर्जा नहीं आ जाती, जिस उर्जा में वह वाष्प में बदल जाता है। जल जैसे ही वह उर्जा को प्राप्त कर लेता है, जिस ऊर्जा पर वह वाष्प बन जाता है, फिर उसे वाष्प बनने से कोई नहीं रोक सकता, खुद जल भी नहीं। अगर आप अहिंसा के मार्ग पर चलते हैं, तो आप तब तक ही अहिंसक हैं ,जब तक आपके अंदर हिंसा सहने की क्षमता ना हो जाए ,जैसे ही आप में हिंसा सहने की क्षमता आ जाएगी,तो आप से बड़ा हिंसक कोई नहीं हो सकता। फिर आपको कोई नहीं रोक सकता, आपको आपके लक्ष्य को पाने से ,आप स्वयं को भी नहीं रोक सकते। अहिंसा बहुआयामी मार्ग है। परंतु अहिंसा की सारे मार्ग का उद्देश्य एक ही है, विजय प्राप्त करना ,अब यह आप पर निर्भर करता है कि ,आप अहिंसा के किस मार्ग से विजय प्राप्त करना चाहते हैं। अहिंसा परमो धर्मः अर्थात अहिंसा ही परम धर्म है। शायद अहिंसा को परम धर्म इसीलिए कहा गया है की ,अहिंसा ही वह मार्ग है ,जो आपको ,आपके लक्ष्य तक पहुंचने में जो कठिनाइयां होती है ,उन कठिनाइयों से लड़ने मे ,आपको उस लायक बनाती है। अहिंसा मतलब धैर्य, और धैर्य ही व्यक्ति को विद्वान ,महान योद्धा , महान दार्शनिक बनाता हैं। एक योद्धा, अगर युद्ध में ,युद्ध के लिए जाता है , तो वह योद्धा बहुत अच्छी तरह से जानता है की, युद्ध में उसे चोट मिलेगी, शायद वह मारा भी जाएगा और शायद वह जीत भी जाए । यह सब जानते हुए भी वह सिर्फ जीत की उद्देश्य से युद्ध में जाता है। जब वह इस युद्ध में जाता है, तो चोट का दर्द, मरने का भय और हारने का डर छोड़कर जाता है। अगर वह इस युद्ध में जा रहा है ,तो उसे हिंसक ही होना पड़ेगा, तभी वह जीतेगा। लेकिन क्या वह उस समय भी हिंसक बनकर ही युद्ध कला सीखा था। युद्ध कला सीखते समय भी उसे चोट का दर्द, मृत्यु का भय और हारने का डर था। पर उस समय वह हिंसक नहीं, अहिंसक बनकर युद्ध कला सीखा था। युद्ध कला सीखते समय उसे कई बार चोट का दर्द मिला, वह कई बार हारा ,उसे कई बार यह एहसास हुआ कि वह आज मर ही जाता, फिर भी वो अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए, युद्ध कला सिखा, जो से आगे चलकर महान योद्धा बनाएगा। आप चाहे किसी क्षेत्र में अपना उद्देश्य रखते हैं, तो इसके लिए अहिंसा के मार्ग पर चलना ही पड़ेगा अर्थात आपको धैर्य रखना ही पड़ेगा।

Monday, November 29, 2021

अगर दोनों रुठ जाते

सोचा अगर दोनों रूठ जाते,तो दर्द ही ना होता, फिर ख्याल आया,रूठें तो कई बार थे, दर्द तो उनसे बीछुडनें पर था आया।

Sunday, November 21, 2021

Story Behind Abrogation of Article 370(My Virtual Words)

धारा 370 हटाने के लिए जम्मू कश्मीर के विधानसभा और विधान परिषद दोनों की सिफारिश होना अनिवार्य था। और यह तभी संभव था, जब जम्मू कश्मीर मे भारतीय जनता पार्टी की सरकार होती,वो भी दोनों सदनों में पूर्ण बहुमत के साथ,जो कि कभी नहीं होती। अगर केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के सरकार को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगा देती तो भी विधानसभा और विधान परिषद की सिफारिशों नहीं मिल पाती ,क्योंकि जब सरकार ही नहीं होगी तो फिर विधान परिषद और विधानसभा का क्या मतलब । और अगर बिना कोई कारण केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाती है ,तो वह कोर्ट में जाता और कोर्ट पुनः वहां सरकार बनाने का आदेश जारी कर देती। धारा 370 हटाना इतना भी आसान नहीं था, जितना कि कुछ बुद्धिजीवी लोग बोलते हैं कि, बस राष्ट्रपति के आदेश से 370 हट सकता है। इसके लिए लंबी रणनीति बनाने के अलावा और कोई दूसरा उपाय नहीं। जम्मू कश्मीर में BJP गठबंधन में शामिल होकर सरकार बनाना, सरकार से बाहर होना,वहां राष्ट्रपति शासन लगना, ये सब धारा 370 हटाने की रणनीति का हिस्सा था। राष्ट्रपति शासन रहते समय ,केंद्र सरकार केंद्र में एक बिल पास करती है, ये बिल "नियंत्रण रेखा के करीब रहने वालों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोगों को आरक्षण देगी"। लेकिन धारा 370 के कारण केंद्र की ओर से पारित कोई भी कानून राज्य की विधानसभा की मंजूरी के बिना राज्य में लागू नहीं हो सकते थे, इसलिए केंद्र ने एक और बिल पास कि जो " 370 के एक उपबंध में संशोधन को मंजूरी दी , जिससे जम्मू कश्मीर के विधानसभा और विधान परिषद दोनों की ताकतें केंद्र के पास आ गई। 370 के एक उपबंध में संशोधन के मंजूरी का विरोध, कोई भी जम्मू कश्मीर के नेता नहीं कर सका ,क्योंकि बात आरक्षण की थी और अगर ये विरोध करते हैं तो इनके वोट बैंक में फर्क पड़ता। धारा 370 हटाने में जो सबसे बड़ा रुकावट था ,वो था वहां के विधानसभा और विधान परिषद की सिफारिश, जो 370 के एक उपबंध में संशोधन की मंजूरी के साथ ही खत्म हो गई। अतः मेरा यह मानना है ,जो लोग माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने पर भला बुरा कहते थे उन्हें यह जाना चाहिए " Everything is fair in love and war🤪" 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 जय हिंद जय हिंद🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

Thursday, October 28, 2021

अगर तुम्हें रूठना ही था

अगर तुम्हें रूठना ही था, तो बता देते, मनाने का हुनर मैं भी सीख लेता, बिना कुछ कहे ही छोड़ गए। कभी सोचा नहीं, जिंदगी तुमसे ही थी मेरी।

Saturday, October 16, 2021

वो नेता जो अपने आप को दलित समाज के मसीहा होने की बात करते हैं ,क्या वो सच में उनके उत्थान के बारे में सोचते हैं या सिर्फ उनका उत्थान उससे जुड़ा होता है?

जरा सोचिए, जो नेता दलित समाज के मसीहा अपने आप हो बताते हैं, क्या वो सच में उनका मसीहा है या सिर्फ दलित समाज के लोगों को वोट बैंक के लिए इस्तेमाल करते हैं। सबसे पहले अपने देश में ही हमारे दलित समाज के ऊपर हो रहे अन्याय पर, ये सारे दलित समाज के मसीहा बनने नेता कैसे खामोश रहते हैं, उसे देखते हैं। जम्मू कश्मीर आजाद भारत का वह राज्य जहां दलितों को सिर्फ सफाई करने के अलावा उनका कोई हक नहीं दिया गया था, ना वहां कि नागरिक बन सकते थे, ना ही वो वहां के सरकारी नौकरी कर सकते थे, यहां तक की उन्हें उच्च शिक्षा लेने का अधिकार भी नहीं था, फिर भी हमारे देश के दलितों के मसीहा मानने वाले नेता खामोश रहते थे। अब हम बात करते हैं पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में जो हमारे दलित समाज के लोग रह गए थे उनके बारे में। देश के दो भाग करने के बाद पाकिस्तान ,बांग्लादेश मे जो हिंदू समाज वहां रह गए थे , उसमें से 90% से अधिक हमारे दलित समाज के लोग थे, जो आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वही रूक गए थे। अफगानिस्तान में भी कुछ यही स्थिति थी। और हम सब जानते हैं पाकिस्तान ,बांग्लादेश, अफगानिसतान में हिंदुओं के साथ क्या होता है। नारकीय जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हैं। हर दिन उन्हें मारा जाता है, उनके बहन-बेटियों को उठा ले जाया जाता है, उनके साथ दरिंदगी की जाती है, जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जाता है, उनके धार्मिक स्थलों को तोड़ा जाता है, बेरहमी से उनका हत्या किया जाता है। ऐसी घटनाएं वहां आम है, हिंदू समाज के लोगों के साथ। इन परिस्थितियों को देखते हुए भारत सरकार ने #CAA कानून बनाकर, ऐसे समाज के लोगों को नागरिकता देने की पहल की थी ,लेकिन सारे दलित समाज के मसीहा बनने वाले नेता ,इस कानून के खिलाफ में आवाज बुलंद की क्यों। जवाब सिर्फ एक है वोट बैंक के कारण। मुझे नहीं लगता की तमाम ऐसे नेता, जो अपने आप को दलित समाज के मसीहा बनने की घोषणा करते हैं, वह वास्तव में दलित समाज के लिए रत्ती भर भी उनके सुरक्षा,उत्थान की सोच रखते हैं। वह सिर्फ अपने उत्थान की सोच रखते हैं, अपनी राजनीति कैसे चले उसकी सुरक्षा पर ध्यान रखते हैं। इसलिए ऐसे भ्रम जाल से बाहर निकलकर बृहद पैमाने पर सोचने की जरूरत है कि, क्या ऐसे लोग सच में दलित समाज के मसीहा है, या सिर्फ उन्हें वोट बैंक की तरह उपयोग किया जा रहा है। बाकी मैं आप पर छोड़ दे रहा हूं ,कि आप उनके बारे में क्या सोचते हैं, मेरा तो सिर्फ एक ही सोच है, ऐसे नेता सिर्फ और सिर्फ हमारे दलित समाज के लोगों को वोट बैंक की तरह उपयोग करते हैं।

Saturday, October 9, 2021

यादों में तो हो तुम।

तुम्हारी जब याद आती है, तो यह सोचकर दिल को सुकून मिलता है, मेरी जिंदगी में ना सही, यादों में तो हो तुम।

Wednesday, October 6, 2021

तेज रफ्तार वाली ट्रेनें वक्त की मांग ही नहीं जरूरत भी है

अगर शहरों पर बढ़ती जनसंख्या के बोझ को रोकना है, तो इस मुश्किल से बचने का एक ही उपाय है, तेज गति वाले ट्रेनों के जाल को जितना हो सके फैलाया जाए। आप सोच रहे होगें की शहरों में बढ़ती जनसंख्या और तेज गति से चलने वाले ट्रेनों का क्या संबंध है। जी हां दोनों के बीच में संबंध है और गहरा संबंध। हम इस तरह से समझते हैं की माना कोई व्यक्ति अपने घर से 250KM दूर काम पर जाता है शहर में। प्रतिदिन 250KM जाना और आना, यह बहुत बड़ी समस्या होती है, इस कारण वह व्यक्ति शहर में ही रहना पसंद करता है। और यह समस्या इसीलिए नहीं है कि उस व्यक्ति को 250KM जाना पड़ता है और आना पड़ता है, यह समस्या इस लिए है की ,इस दूरी को तय करने में प्रतिदिन उसे 8 से 9 घंटे लग जाएंगे , शायद इससे भी ज्यादा लग सकते हैं। अगर यही सफर वह व्यक्ति 1 घंटे जाने और 1 घंटे आने में लगाता है, तो वह व्यक्ति कभी भी शहर में नहीं रहेगा ,उस व्यक्ति का जहां पर घर रहेगा वही रहेगा, कौन अपने घर परिवार को छोड़कर शहर में रहना पसंद करता है। अगर शहरों में बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगानी है, तो हमें तेज गति वाले यातायात की व्यवस्था करनी होगी, नहीं तो गांव खाली होते जाएंगे शहर व्यस्त होते जाएंगे। तेज रफ्तार वाली ट्रेन वक्त की मांग ही नहीं, बल्कि जरूरत भी है। अगर इस तरह के यातायात का व्यवस्था होता है, तो शहरों में बढ़ते गाड़ियों की संख्या में भी तेजी से कमी आएगी।

Wednesday, September 29, 2021

अगर मैं याद आऊं

अगर मैं तुझे याद आऊं,तो तूम मुझे बता देना, मेरे यादों के समुंदर में, तेरा याद करना भी याद होगा।

Wednesday, September 22, 2021

Silence

लिखकर कहूं या कहकर लिखूं, पर दोनों में शब्द खामोश रहेंगे। हम भी तो जाने कि, मेरी खामोशियां तुम भी पढ़ते हो।

Sunday, September 5, 2021

Time

मैंने वक्त से कहा, कभी तुम भी इंतजार कर लिया करो, वक्त से जवाब भी आया, तुम्हें दिखता नहीं तो मैं क्या करूं, मैं तो आने वाले हर पल का इंतजार पल-पल करता हूं।

Friday, September 3, 2021

रुला दिया

अगर तुझे शिकायत ही करनी थी,तो मुझसे कर लेते, तेरी जिंदगी से चला जाता मैं, गैरों ने तो तुझे भी रूला दिया।

Saturday, August 28, 2021

तेरी शिकायत खुदा से करूंगा

अगर तुझे मालूम नहीं तो, मैं यह बताना चाहता हूं, मेरी मुलाकात खुदा से होगी, तब मैं तेरी शिकायत करूंगा, तेरी गुनाहों का सजा वो तुझे जरूर देगा।

Monday, August 23, 2021

तेरी बेरुखी

तेरी बेरुखी पे रोए हम भी थे, बस एक छोटी सी शर्त डाल रखा था, उस शर्त में सिर्फ मुस्कुराना था।

Friday, August 20, 2021

ख्वाहिश नहीं

कब तक कहूं कि अब ख्वाहिशें नहीं है मेरी, कोई बताए भला मुर्दे कब से शौक पालने लगे।

Saturday, August 14, 2021

बदलना तो है नहीं

खुद को जानने की कोशिश किया ,फिर दिल को यह ख्याल आया,जानने का क्या फायदा, बदलना तो है नहीं।

Wednesday, August 11, 2021

Should India send its forces to protect the citizens of Afghanistan?

Pakistani jihadi forces were brutally slaughtering Bengali Muslims in East Pakistan (now Bangladesh) like sheep-goat and raping their daughters and their women. Approximately 3 million people were killed and at least 200,000 women were raped.(https://www.hinduamerican.org/1971-bangladesh-genocide). Then India, showing humanity, drove Pakistani jihadis out of East Pakistan and established an independent country in the form of Bangladesh. East Pakistan has free from Pakistan. But what did India get from the war? Nearly 3,900 Indian soldiers sacrificed his life and 10,000 others injured, with many to suffer from life-long disabilities. I think, India got nothing from this war. India Liberated East Pakistan from jihadi Pakistanis forces, but what could not be liberated from, it was jihadi thinking. After all, why am I saying that India did not get freedom from jihadi thinking from East Pakistan? Because till now, minority people like Hindu,baudh Sikh,Christian being killed every day by jihadi thinking people of Bangladesh. Every day their worship places ,their Houses are broken/burnt. Now Same Condition in Afghanistan. The jihadi Pakistani forces who had crossed all limits of cruelty in Bangladesh, the same jihadi Pakistani army is also in Afghanistan and is doing the same cruelty on the citizens of Afghanistan, in the name of Taliban. Now you tell, should India send its army for Save Afghanistani people in Afghanistan? Because same thinking people like Bangladesh's, people are living in Afghanistan.

Tuesday, August 10, 2021

कहो तो मैं परिंदा बन जाऊं

तुम कहो अगर तो मैं परिंदा बन जाऊं, शर्त बस इतनी सी होगी की तुझे अपने दिल में ,मुझे कैद करना पड़ेगा।

Sunday, August 8, 2021

कहां मालूम है तुझे

कहो की तुझे मालूम है, मेरे दर्द का हर राज, अगर मालूम ना होता, तो मुझे देख कर तेरी आंखें भर ना आती।

Maybe I am your last wish

बहोत घूम लिए इस दुनिया में,अगर थक जाना तुम ,अपने हसीन सपनों से, तब मुझे भी याद कर लेना,शायद मैं ही तुम्हारी आखरी ख्वाहिश हूं।

Friday, August 6, 2021

पत्थर सुना नहीं करते

अगर तुम कह देते तो ,तुम्हारा क्या बिगड़ जाता ,तुम्हें मालूम तो था,पत्थर सुना नहीं करते।

Thursday, August 5, 2021

तेरी मुस्कुराहट का राज

मालूम है हमें, तेरी मुस्कुराहट का राज, बस बताना नहीं चाहता, अगर बताया तो,दुनिया तेरी मुस्कुराहट में दर्द ढूंढ लेगी।

Sunday, August 1, 2021

अब इरादा नहीं

वो पूछते हैं, तुम कब आओगे ,नादाने दिल हम तुमसे क्या कहें, अब लौटने का इरादा नहीं।

कुछ कह ना सका

कुछ कह ना सका, यह ग़म नहीं है मुझे। मैंने दुनिया के लिए, कभी अपने दिल से सौदा नहीं किया।

मालिक अब कोई और था

सब कुछ लुटा कर मंजिल पे पहुंचा, अब लौटने की चाह थी, पर जाऊं कहां, पीछे लुटाई हुई वो चीज का, मालिक अब कोई और था ।

Sunday, July 25, 2021

यूं ही कोई मेरा नाम मिटा ना जाता

माना कि तुम अब भूल गए हो, काश पत्थर पर लिखा होता अपना नाम। यूं ही कोई अजनबी, लहरों की तरह मेरा नाम मिटा ना जाता।

Tuesday, July 20, 2021

Is the end of the Taliban over?

तालिबानी आतंकवादी एक-एक दो-दो के संख्या अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में छिपकर हमला करते थे और छुप जाते हैं। इस गोरिल्ला युद्ध से अमेरिकी फौज परेशान हो गए थे। 90% से अधिक तालिबानी आतंकवादी पाकिस्तान में छुपे हुए थे। मुझे लगता है कि तालिबानी आतंकवादीओं को पाकिस्तान से निकलने की ये अमेरिकी सेना का एक पाल थी और अब तालिबानी आतंकवादी बुरी तरह फस गए हैं और अब तालिबानी आतंकवादीओं का अंत निश्चित है।

Saturday, July 17, 2021

The silence

कुछ रिश्ते खामोश हो जाते हैं ,इसलिए नहीं कि अब उन्हें आपकी जरूरत नहीं,शायद उन्हें वो वक्त याद है, जब उन्हें बोलने की सजा मिली थी।

Friday, July 16, 2021

काश हम पत्थर के होते

जिंदगी को ना वो समझ पाए, ना हम समझ पाए, वो अपनी जिंदगी चून लिए और हम अपनी। काश हम दोनों पत्थर के बने होते , तब ये जिंदगी अपनी होती।

Monday, July 5, 2021

बात बस इतनी सी थी

बात बस इतनी सी थी कि नाराज हो गए थे हम उनसे,काश यह गलतफहमी ना होती की वो हमें मना लेते हैं। चलो टूटे हम जरूर हैं, पर दर्द का एक कतरा उन्हें भी हुआ होगा।

Saturday, June 26, 2021

क्या कहूं अपने बारे में

क्या कहूं अपने बारे में, तुम बस मुझे मान लो की मैं हूं, हवाओं की तरह, कुछ मांगूंगा नहीं तुमसे, बस यूं ही हवाओं की तरह तुमसे होकर गुजर जाऊंगा।

Sunday, June 20, 2021

लोग यूं ही कहा करते थे

लोग यूं ही कहा करते थे मुझसे ,मोहब्बत नहीं है उसे तुझसे, फिर मेरे जाने पर, उसकी आंखे क्यों भर आई थी।

Friday, June 18, 2021

Read the silences

कभी खामोशियों को भी पढ़ा करो ,उसमें भी कुछ लिखा होता है, अगर ना होता तो,कोई पत्थरों से राज कैसे ढूंढता।

Monday, May 24, 2021

शहर वही थे

शहर तो वही थे, बस लोग बदल गए थे, सुना है उन्हें कोई अब नया आशियाना मिल गया है।

Innocent

मासूम हम भी थे,समझ ना थी हमें दुनिया का,जहां लोग पानी में भी रंग ढूंढ लेते हैं।

Saturday, May 22, 2021

शायद मैं सुनूं

वक्त आई नहीं, आ जाने दो, हम भी तुमसे रूठ जाएंगे। फिर कहना मत की मुझे तेरी याद आती है, क्योंकि शायद मैं ना सुनूं।

Thursday, May 20, 2021

खुदा रूठ जाएगा

चांँद देखा, तारे देखें, तितलियां देखें, फिर सोचा कुछ लिखूं, पर अगर लिखूं तेरी तारीफ तो खुदा रूठ जाएगा,मेरे सोच से कहीं ज्यादा खूबसूरत बनाया है जो तुझे।

Tuesday, May 18, 2021

मुसाफिर

मुसाफिर होना इतना आसान भी नही होता,हर बीते वक्त के साथ, यादों को सीने में दफन कर के शहर छोड़ना पड़ता है।

Saturday, May 8, 2021

वो आईना ना थी

आईना देखा तो यह ख्याल आया, उनके दिल में तो नहीं ,पर आईना में तो है। फिर आंखें रो पड़ी यह देख कर, हर शख्स आईना का हो जाता है। फिर मुस्कुराया और चल पड़ा यह सोच कर कि,चलो वो आईना ना थी।

Friday, May 7, 2021

Stop Genocide in Bengal

घरों में बैठे हैं वो, यह गुमान में कि, हमारे घर ईंट के बने हैं,जलने दो पास के बने बांस के मकान को। आग की लपटें जब घर पर पड़े,घर तो नहीं जले,पर दम घुट गए आग के प्रहार से। फिर दम घुटने हुए ख्याल आया,काश बुझा देते ,उस जलते हुए मकान को । #BangalBurning Stop #bangalviolence #bengalvoilence #stopgenocideinbengal

Wednesday, May 5, 2021

महफिल मुबारक हो तुम्हें।

ख्वाहिशें दफन कर दो अपने सीने में, उन्हें कौन देखेगा ‌। महफिल मुबारक हो तुम्हें,पर सुना है, अक्सर लोग रो पड़ते हैं तन्हाइयों में।

Monday, May 3, 2021

Vulture Culture training in Media

सूख गए आंखों के आंसू,मोम दिल भी पत्थर हो गया, जो लड़ते थे कलमो से, वो कलम भी देखों सूख गए, कहा करते थे हम हैं हिम्मत तेरी,वो भी सत्ता में डूब गए।

Sunday, May 2, 2021

तस्वीर कहां छुपाओगे

आईना तुम जितना बदलना है बदल लो, पर तस्वीर कहां छुपाओगे, अगर तोड़े तुम आईना, तो यकीन मानो, पहले से ज्यादा नजर आओगे ‌।

Thursday, April 22, 2021

Attitude

Attitude is good, but too much attitude is just like sweet poison, who will kill you slowly slowly.

Tuesday, April 20, 2021

रातों में कहीं खो जाना

उजाले में चांद भी छुप जाता है, तारें भी छुप जाते हैं, और हां तेरी यादें भी छुप जाती है। पर इन रातों का क्या करें?। सोचा चांद-तारों से पूछ लूं, जवाब भी मिला,जीना मेरी तरह सिख लो, दिन में छुपाना और रातों में कहीं खो जाना।

Sunday, April 18, 2021

Blind Believers

धर्म पर विश्वास अच्छा है, लेकिन धर्म पर अंधा विश्वास बहुत खतरनाक है। अंध विश्वास करने वाले लोग सांप के प्रकार होते हैं, उनमें से कुछ कम विषाक्त होते हैं और उनमें से कुछ अधिक विषाक्त होते हैं। उन्हें परेशान मत करो, उन्हें अकेला छोड़ दो। कुछ समय बाद, खुद वे एक दूसरे को मार देंगे।


Faith on religion is good, but blind faith on religion is too much dangerous. Blind faith believers people are types of Snakes , some of them are Less toxic and some of them are much toxic .Don't disturb them, Leave them alone. After some time, they will kill each other.

Wednesday, April 7, 2021

कुछ राज छुपा होगा

कुछ था नही , फिर भी कुछ खो दिया, यकीनन कुछ राज छुपा होगा उसके दिल में, वरना कौन यूं ही तन्हाईयो में जिया करता है।

Friday, April 2, 2021

वो चाह अधूरा था

कुछ याद अधूरी थी,कुछ बात अधूरी थी, कहना तो उसने बहुत कुछ था, पर मुलाकात अधूरी थी। सोचा, दूर चला जाता हूं, पर शायद वो चाह भी अधूरा था।

Thursday, March 25, 2021

आती है तेरी याद

आती है तेरी याद, बताओ मैं क्या करूं,आँसूओ से, आंखों को, भीगों तो नहीं सकता,तुम कोई चीज नहीं, जिसे आँसूओ मे बहा दूं।

Wednesday, March 17, 2021

अनकहे-अनसुने

इतना खुशनसीब भी नहीं मैं ,कि उन्हें अब देख सकूं, शुक्रगुजार हूं मैं उन ख्वाबों का ,जो आंखें बंद होने पर उन्हें दिखा जाती हैं।

Monday, March 15, 2021

Never wanna get out

Close your eyes and feel a feeling who you will never get.You will never wanna get out to this feeling.

Sunday, March 7, 2021

अगर मैं परिंदा होता।

पर मेरे भी होते, अगर मैं परिंदा होता। पर फिर सोचता हूं, चलो अच्छा हुआ परिंदा नहीं हूं मैं, लोग पिंजरे में डाल देते हैं। पर फिर खयाल आया, तेरे कैदी है हम, फिर परिंदा ना होने का क्या फायदा?

Thursday, March 4, 2021

यूं ही बर्बाद ना करो

अब कह भी दो तुम कि,तुम्हारी तस्वीर हम नहीं बना सकते।एहसासों के रंग बेशकीमती होते हैं ,तुम यूं ही बर्बाद ना करो।

Sunday, February 28, 2021

वो बेवफा नहीं

कितनो से कहूं ,वो बेवफा नहीं है। अगर ऐसे होता तो,गुलाब कब के कांटे हो जाते।

Monday, February 22, 2021

हीरा नही,वो कांच था

जिसे मैं हीरा समझ बैठा था, वो था कांच का टुकड़ा, इसका एहसास तब हुआ, जब वो अंधेरे में कहीं खो गया।

Saturday, February 20, 2021

Go ahead

तुम काफिले का इंतजार करते रह गए और जो निकले थे मंजिल पर ,उनका काफिला बनता गया।

Thursday, February 18, 2021

तेरी मासूमियत

तेरी मासूमियत का कोई जवाब नहीं,सुना है अब तुम्हें पत्थरों से भी हमदर्दी हो गई है।

Wednesday, February 10, 2021

काफिला लूटा क्या?

काफिला लूटेगा हमारा, यह मालूम था हमें पर,काफिला लूटा क्या? यह आवाज सुननी थी, बदनसीबी तो देखो मेरी, आवाज भी ना आईं।

Saturday, January 16, 2021

ख्वाहिशें तुम भी रखना

अगर मिली जिंदगी ,तो फिर से ख्वाहिशें तुम्हारी ही रखूंगा ,बस एक छोटी सी गुजारिश है, तुम भी मेरी रखना।

Friday, January 15, 2021

क्या हम भी बदल जाएं?

माना तेरे लब्ज बदल गए ,पर तुझे मुझसे मिलने की बेताबी ,हमने तुम्हारी आंखों में देखी है ,बताओ क्या अब हम भी बदल जाएं।

Tuesday, January 12, 2021

Why Arab and Gulf Countries open his Boundry for other countries, Even to Israel

Why Arab and Gulf Countries open his Boundry for other countries, Even to Israel Maximum these countries ,Country economy depends on mineral Oil and Gas. If such country Economy depends only on Oil and Gas, this is bad sign after three or five years later. Because,3 or 5 years later, Oil/Gas demand will be decrease upto 60% . When demand will be decrease then such countries whose economy depends only on Oil and Gas, these countries economy will be badly affected. So such countries have only three or five years time to reduce dependency on Oil and Gas, otherwise these countries economy condition will go in his previous condition when these countries don't know, they have Oil and Gas in his land. I think , such countries take a nice step to open his country boundry to save his Country economy from Coming economic risk.

फिर मिलेंगे कभी

कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें, फिर कुछ ना कह पाए, ऐसी दिन फिर कभी ना आए। कहने से ना तुम बदले, ना बदले हैं हम , फिर मिलेंगे कभी, जब ना बदले होगे तुम ,ना बदले होंगे हम।

Sunday, January 10, 2021

तुम डुबोते नहीं

समुंदर तेरी औकात क्या? कि तुम मुझे डुबो दो, सुना है मुर्दों को तुम डुबोते नहीं।

Saturday, January 9, 2021

शब्दों को लिख ना पाया

सोचा कुछ लिखूं ,फिर तेरा ख्याल आया, जिन एहसासों के स्याही में डुबोकर शब्दों को लिखा करता था ,ओ स्याही ही सुख गई है। फिर क्या था, कोरी यादों पर शब्दों को लिख ना पाया।