Wednesday, October 6, 2021

तेज रफ्तार वाली ट्रेनें वक्त की मांग ही नहीं जरूरत भी है

अगर शहरों पर बढ़ती जनसंख्या के बोझ को रोकना है, तो इस मुश्किल से बचने का एक ही उपाय है, तेज गति वाले ट्रेनों के जाल को जितना हो सके फैलाया जाए। आप सोच रहे होगें की शहरों में बढ़ती जनसंख्या और तेज गति से चलने वाले ट्रेनों का क्या संबंध है। जी हां दोनों के बीच में संबंध है और गहरा संबंध। हम इस तरह से समझते हैं की माना कोई व्यक्ति अपने घर से 250KM दूर काम पर जाता है शहर में। प्रतिदिन 250KM जाना और आना, यह बहुत बड़ी समस्या होती है, इस कारण वह व्यक्ति शहर में ही रहना पसंद करता है। और यह समस्या इसीलिए नहीं है कि उस व्यक्ति को 250KM जाना पड़ता है और आना पड़ता है, यह समस्या इस लिए है की ,इस दूरी को तय करने में प्रतिदिन उसे 8 से 9 घंटे लग जाएंगे , शायद इससे भी ज्यादा लग सकते हैं। अगर यही सफर वह व्यक्ति 1 घंटे जाने और 1 घंटे आने में लगाता है, तो वह व्यक्ति कभी भी शहर में नहीं रहेगा ,उस व्यक्ति का जहां पर घर रहेगा वही रहेगा, कौन अपने घर परिवार को छोड़कर शहर में रहना पसंद करता है। अगर शहरों में बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगानी है, तो हमें तेज गति वाले यातायात की व्यवस्था करनी होगी, नहीं तो गांव खाली होते जाएंगे शहर व्यस्त होते जाएंगे। तेज रफ्तार वाली ट्रेन वक्त की मांग ही नहीं, बल्कि जरूरत भी है। अगर इस तरह के यातायात का व्यवस्था होता है, तो शहरों में बढ़ते गाड़ियों की संख्या में भी तेजी से कमी आएगी।

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