Sunday, August 1, 2021

मालिक अब कोई और था

सब कुछ लुटा कर मंजिल पे पहुंचा, अब लौटने की चाह थी, पर जाऊं कहां, पीछे लुटाई हुई वो चीज का, मालिक अब कोई और था ।

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