Saturday, January 9, 2021

शब्दों को लिख ना पाया

सोचा कुछ लिखूं ,फिर तेरा ख्याल आया, जिन एहसासों के स्याही में डुबोकर शब्दों को लिखा करता था ,ओ स्याही ही सुख गई है। फिर क्या था, कोरी यादों पर शब्दों को लिख ना पाया।

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