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Tuesday, April 20, 2021
रातों में कहीं खो जाना
उजाले में चांद भी छुप जाता है, तारें भी छुप जाते हैं, और हां तेरी यादें भी छुप जाती है। पर इन रातों का क्या करें?।
सोचा चांद-तारों से पूछ लूं, जवाब भी मिला,जीना मेरी तरह सिख लो, दिन में छुपाना और रातों में कहीं खो जाना।
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