Wednesday, May 5, 2021

महफिल मुबारक हो तुम्हें।

ख्वाहिशें दफन कर दो अपने सीने में, उन्हें कौन देखेगा ‌। महफिल मुबारक हो तुम्हें,पर सुना है, अक्सर लोग रो पड़ते हैं तन्हाइयों में।

No comments:

Post a Comment