Friday, October 30, 2020

मेरे एहसास

तुमसे मिलने की तमन्ना बहुत थी, पर मिल ना पाया, पर यकीन मानो, कोशिश पूरी की थी। जब-जब चाहा, तुझे तेरे हम पाया, पर यकीन मानो, तमन्ना बदल गई ,पर जो ना बदली ओ तेरी आदत थी, जो आज भी है ,तुझे देखने की।

Thursday, October 29, 2020

मेरे एहसास

मुस्कुराकर कहूं या रोकर कहूं, हंसता रहा जमाना, उन्हें तो मैं बोलता दिखा, वो कैसे मान लें कि,कत्ल हुआ है हमारा। वो कत्ल भी कर दिए और सबूत भी ना छोड़ा।

Tuesday, October 27, 2020

मेरे एहसास

कुछ लोग खामोश इसलिए नहीं हो जाते हैं की ,उनके पास शब्द नहीं होते। शब्द तो होते हैं पर ,जिन्हें वो सुनाना चाहते हैं, वो नहीं होते।

Thursday, October 22, 2020

मेरे एहसास

मुलाकात ना सही, याद तो किया करो, मुड़ने को कौन कहता है तुम्हें, उन रास्तों से। मुड़कर एक बार देख तो लिया करो, शायद कोई तुम्हारा चेहरा देख कर ही जिया करता हो।

Thursday, October 15, 2020

मेरा जीना अभी बाक़ी है

मैंने वक्त से कह दिया है, रूक जा तू अभी, मेरा जीना अभी बाक़ी है। तुमने अभी तक मुझे ठहरते देखा है, अभी तो तुझे, मुझे दौड़ते देखना बाकी है।

Monday, October 12, 2020

मेरे एहसास

ना पास हम थे ,ना पास वो थे ,फिर भी मुलाकातों का सिलसिला चलता रहा। कभी ख्वाबों में ,तो कभी यादों में।जब आंखें खुली, तो ना वो थे,ना हम थे, शिकायत कब किनसे था करना ,हमने यादों को समेटा और निकल गए, हम अपने रास्ते और वो अपने रास्ते ।

मेरे एहसास

कभी खामोश रहूं, तो मेरी खामोशी पढ़ लेना, अगर कहीं दिख जाऊं तो आवाज लगा देना, अगर मैं आवाज सुनकर भी ना रुक पाऊं ,तो समझ लेना ,अब मैं खुद में डूब गया हूं।