आज हमारे देश में बापू के विचारों को भी लोग सहूलियत के अनुसार उसका उपयोग करते हैं। उदाहरण के तौर पर जब कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को बाहर निकाला जा रहा था, उन पर अत्याचार किया जा रहा था,तब बापू के सिद्धांत का कोई महत्व नहीं था। संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून #CAA बनाकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की इच्छा को पूरा किया गया है। हम तो #CAA विरोध करेंगे, बापू के इच्छाएं गए भाड़ में।
और जहां पर बापू के सिद्धांत इनके सहूलियत के अनुसार बैठता है वहां पर बापू के सिद्धांत सर्व परी हो जाते हैं।
और ऐसे सारे बुद्धिजीवी छाती पीट-पीटकर चिल्लाने रखते हैं बापू के सिद्धांत बापू के सिद्धांत।
Friday, January 31, 2020
Sunday, January 26, 2020
मेरे एहसास
ए खुदा,मेरे गुनाहों का हिसाब तो तुम बहुत रखे होगे,खुदा मिलो कभी तुम हमसे ,तुम्हारी भी गुनाहों का हिसाब रखा हूं मैं।
Thursday, January 23, 2020
सुप्रभात
खुशियां किसी एक चेहरे की मोहताज नहीं होती, अगर होती तो एक ही चेहरे पर कभी खुशी तो कभी गम के आंसू ना होते।
🌹🌹🌹🌹सुप्रभात🌹🌹🌹🌹
Monday, January 20, 2020
मेरे एहसास + Dialogue
ए जिंदगी, देखते हैं तुम्हें कितनी मोहब्बत है हम से,ख्वाहिश तो अब बची नहीं, ख्वाब में क्या देखूं, आंखें खोलूं तो तुम,आंखें बंद करूं तो तुम ,बताओ अब राज में क्या लिखूं।
Sunday, January 19, 2020
मेरे एहसास
अब तलाश में उनकी नहीं जो हमें छोड़ गए, तलाश अब उस मंजिल की है जिसमें ख्वाहिशें तो हो, पर ख्वाहिशो में तलाश न हो।
मेरे एहसास
बिखरी है खामोशियां कुछ इस कदर,दिल की धड़कने अब कान भी सुनने लगी,
सोचा रोक दूं इन धड़कनों को, पर खयाल आया अभी मंजिल बाकी है।
Thursday, January 16, 2020
Thursday, January 9, 2020
मेरे एहसास
समेट लिया उन रंगों को भी, जो कभी बिखरे ही ना थे।
कोई पूछे तो कह देना, बह गए वो सारे रंग, अब रंगों की बात न करना।
Wednesday, January 8, 2020
Dialogue
वापस लौट कर एक दिन जरूर आऊंगा ,जब तुम्हारी एक और हसीन दुनिया होगी और हमेशा की तरह इस दुनिया में मैं नहीं रहूंगा।
Sunday, January 5, 2020
Saturday, January 4, 2020
मेरे एहसास
अब शर्त कहां है जालिम, अब हर रास्ते आजाद है तेरे, जिंदगी जी कर अब देख ले तुम भी, पर भूल ना जाना अपनी जिंदगी को।
Friday, January 3, 2020
मेरे एहसास
जो भूल गए, उन्हें उनकी भूल मुबारक हो।
पत्थरों का क्या है, दूसरी ओर खरोच कर नाम कोई और लिख जाएगा।
मेरे एहसास
मस्तियों में डुबती थी नादानियां, वो वक्त कहीं से लाओ।
नादान हम तो अब भी है, पर अब शर्म कहां छुपाऊं, दिल करता है तोड़ दूं दर्पण, पर दुनिया को क्या दिखाऊं, यही सोच कर एक चेहरे पर दूसरा चेहरा मैं खुद से ही लगाऊं।
Thursday, January 2, 2020
मेरे एहसास
वक्त की साजिशे नाकाम हो गई, बदले वो थे, बदनाम हम हो गए, चलो एक और नई दुनिया बनाते हैं,शायद इस दुनिया में नाम हो जाए।
Wednesday, January 1, 2020
मेरे एहसास
जिंदगी ख्वाहिशों से नहीं चलती ,ख्वाहिशें जिंदगी से चलती है।
खुदा नहीं हो तुम ,कि हर दर्द पर तेरी चौखट पर आ जाएं हम।
मेरे एहसास
कुछ रास्ते खो गए, ना जाने किनके वास्ते ,हम तो वही खड़े थे ,पर ना जाने वो कहां खो गए, किन्ही के वास्ते।
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