Friday, December 27, 2019

मेरे एहसास

सोचा किताब पढ़ लूं, शायद मेरी जिंदगी की उलझने कम हो जाए। पर कमबख्त ये जिंदगी कहां मानने वाली थी ,ये तो खुद ही किताब बनना चाहती है।

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