रोक लूं उन हवाओं को, जो उनकी सांसों से मिलकर आती है।
कभी तो ये हवाएं उनसे शिकायत करेंगे ही की ,तुम्हें छूने की सजा,किन्ही की धड़कनों में गुलाम बना देती है मुझे ।
Saturday, December 28, 2019
Friday, December 27, 2019
मेरे एहसास
सोचा किताब पढ़ लूं, शायद मेरी जिंदगी की उलझने कम हो जाए। पर कमबख्त ये जिंदगी कहां मानने वाली थी ,ये तो खुद ही किताब बनना चाहती है।
मेरे एहसास
जिंदगी ही मांगी थी बस मैंने खुदा से, उसने जहान दे दिया, सजा बस इतनी ही थी कि, तुझे जिंदगी नसीब ना हो, भला ऐसी भी कोई दुआ होती है क्या?
Monday, December 23, 2019
मेरे एहसास
बातें अधूरी है ,ख्वाहिशे अधूरी है, मंजिल पर अभी चला ही कहां हूं, अभी तो पूरा सफर बाकी है। कभी वक्त मिले तो जिंदगी के आईने में भी झांक लेना ,अभी तो पूरी तस्वीर बाकी है।
Sunday, December 22, 2019
मेरे एहसास
मेरी हर तड़प को तुम महसूस करती हो, खामोश ही सही। तकदीर में क्या लिखा है ये किन्हें पता, हम तो यूं ही निकल पड़े थे उनके खोज में।
मेरे एहसास
मोहब्बत के दो शब्द के ही भिखारी हैं हम,वरना तेरी चौखट पर हम भी ना आते कभी,खुदा ने दौलत,शोहरत बिना मांगे ही दिए हैं हमें।
Friday, December 20, 2019
मेरे एहसास
सोचा वक्त लगेगा उन्हें भूलने में, पर उन्हें भूलने की हर कोशिश नाकाम रही, पत्थर तो नहीं था मैं।
मेरे एहसास
बत्तियां बुझा दी हमने इस आस में कि, कल तो सवेरा होगा ही । कहां मालूम था हमें,सूरज भी छुप जाएगा बादल के बांह में।
Wednesday, December 18, 2019
मेरे एहसास
कैसे कह दूं कि तुम अब मेरी मोहब्बत नहीं, मेरी निगाहें तुझे देखने को हर दिन इंतजार करती है।
Sunday, December 15, 2019
Why our country liberal not understanding that rohingya and Bangladeshi musalman are dangerous for our country
हमारे देश के बुद्धिजीवी क्यों नहीं समझ रहे हैंकि रोहिंग्या म्यांमार से, और बंगलादेश से बांग्लादेशी मुसलमानों को भगाया जा रहा है, ये वही रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान है जिनके दिलों में पाकिस्तान बसता है। ये वही बांग्लादेशी मुसलमान है जो बांग्लादेश के आजाद होने के बाद भी वहां फिर से पाकिस्तानी झंडा बुलंद करने की सोच रखते हैं। यह वही रोहिंग्या मुसलमान है जो म्यांमार को पाकिस्तान में मिलाना चाहते थे। ये वही लोग हैं जो अपने देश का खाते हैं और पाकिस्तान की जय बोलते हैं।ये लोग अपने देश के नहीं हो सकते हैं,तो हमारे देश के क्या होंगे। वोट की राजनीति के चक्कर में देश को बर्बाद ना कीजिए।
Thursday, December 12, 2019
मेरे एहसास
न जाने कितनी मोहब्बत थी लबों पर, पर उनकी खामोशी ने एक राज बना डाला, सोचा हंसकर हम भी छुपा ले, पर दर्द को कहां मंजूर था, एक आवाज लगा ही डाला ।
Sunday, December 1, 2019
लहरों के गूंज सुनते रहोगे तुम
समुंदर की लहरों से टकराकर रेत बना हूं मैं, मेरे वजूद पर सवाल ना उठाना, लहरों के गूंज सुनते रहोगे तुम और मैं खामोशी से तुझे समुंदर में ले आऊंगा।
वापस लौट आऊंगा मैं
रेत हूं अभी, हथेली पर रखकर उड़ा लो तुम अभी फुंक से,पर भूलना नहीं ,चट्टान से बना हूं मैं ,वक्त लगेगा फिर से चट्टान बन कर वापस आऊंगा।
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