मैं क्यों रूठ हूं, वजह भी तो नहीं है, कोई आकर मना ले मुझे। दिल ही तो टूटा है, टूट जाने दो , अरमां अभी भी बाकी हैं । दिन ही है, बीत जाने दो, रात अभी भी बाकी है।
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