Sunday, December 9, 2018

Dialogue

लोग खुदा से हमें मंगते है और हम खुदा से उन्हें। खुदा यह सोचकर सोच में पड़े है, आखिर ख्वाहिशें पूरी करूं तो किसकी, हर दुआ जो दिल से उठी है।

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