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Monday, December 10, 2018
मेरे एहसास
दिन भी गुजर गई,अब रात भी ना रहा। टूट गई है पत्थर,अब वो शान भी कहा रहा।
ढूंढना मुझे तुम ख्वाब,अब ख्वाब भी कहा रहा।
अगर मिल ना पाऊं, तो ढूंढ लेना तुम उन बिखरे पत्थरों मे, जो तेरे कदमों में बिछे होंगें।
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