हिंदी शायरी, Hindi Shayari, Political view, Social Novel and Lyrics
Saturday, August 18, 2018
मेरे एहसास
देख रहा हूं अपनी इन आंखों से, दूर जा रहे हो तुम,मेरी निगाहों से।
शायद तुम लौट कर ना आओ, मेरी इन बाहों में।
हसरतें तो अब मेरी भी नहीं,कि तुझे पा लूं।
पर शायद इंतजार पूरी उम्र रहेगी, की काश तुम लौट कर आ जाते।
No comments:
Post a Comment