Saturday, August 18, 2018
मेरे एहसास
आज मैं लिखता रहूंगा,तोड़कर हर बंदिशें, रोकना मुझको नहीं, मैं रक्त से लिखता रहूंगा,तोड़कर हर बंदिशें। रात भी जगते रहेगी, चांद छोड़कर तेरी सारी ये बंदिशें।थक जाऊं अगर तो,तुम यह सोचना, शाम अब होने को है, उम्र अब सोने को है, आज मे लिखता रहूंगा,खत्म हो जाएगी, सारी ये बंदिशें।
मेरे एहसास
हर शख्स अपनी शख्सियत इठला रहा था,मैं दूर कहीं बैठा मुस्कुरा रहा हूं।
क्या कहूं खुद के बारे में,यह सोच कर घबरा रहा था। बिना दौड़ लगाए,क्या मैं हार जाऊं,यह सोचकर पगला रहा था, फिर उठकर दौड़ चला मैं, ना जाने क्या आगे होगा,बिना सोचे,नया गीत गुनगुना रहा था।
मेरे एहसास
कुछ तेरा कहना,कुछ मेरा कहना, कहना भी एक चाहत है।
हम बैठे थे यूं ही यहां पर,तुम समझे हम तेरे हैं।
पर तुम शायद भूल गए थे,हम तो बस तेरे ही थे।
तुम जो अब कहते हो,तुम बस, सिर्फ मेरे हो,शायद तुम झूठे हो।
मेरे एहसास
देख रहा हूं अपनी इन आंखों से, दूर जा रहे हो तुम,मेरी निगाहों से।
शायद तुम लौट कर ना आओ, मेरी इन बाहों में।
हसरतें तो अब मेरी भी नहीं,कि तुझे पा लूं।
पर शायद इंतजार पूरी उम्र रहेगी, की काश तुम लौट कर आ जाते।
Thursday, August 16, 2018
Wednesday, August 15, 2018
Monday, August 13, 2018
Friday, August 10, 2018
मेरे एहसास
मैं तेरे दामन में बंधा नहीं,मुझे शौक है मुझमें जीने का।
दिल धड़कता रहेगा, यकिन नहीं तो दूर जाकर देखो।
Thursday, August 9, 2018
मेरे एहसास
कुछ वक्त गुजर गए, कुछ वक्त अभी भी बाकी है । सिमटी हुई यादों में,कुछ यादें अभी भी खाली है। रूकती हुई धड़कनों में,कुछ सांसे अभी भी बाकी है। सूखी हुई इन आंखों में,कुछ आंसू अभी भी बाकी है। मान गया ऐ दिल, तेरा धड़कन अभी भी बाकी है।
मेरे एहसास
बड़ी मुद्दत से मिली हो तुम, यकीनन वो ख्वाब ही होगा,वरना कोई यूं ही आंखे खुलते ही नहीं चला जाता।
Sunday, August 5, 2018
Trying to write lyric
अब अल्फाज नहीं है ,कुछ भी कह जाने को
दर्दे है पर, दर्द है पर , अहसास नहीं है, कुछ भी कहे जाने को
जिंदगी है पर, जिंदगी का अहसास नहीं
मैं यहां वहां भटक रहा हूं पर, अब राह नहीं
भुला तो नहीं मैं ,पर ,अब याद नहीं ,मैं हूं कहां
है हाँ ख्वाब मगर ,अब ख्वाबों में ,वो बात नहीं
है हां रात मगर ,अब रातो में ,वो नींद नहीं
अब अल्फाज नहीं है ,कुछ भी कह जाने को
खामोश हूं पर,अहसास नहीं ,की खामोश हूं
टूटा हूं मगर ,टूटने का अहसास नहीं
वक्त गुजरा है मगर ,उसे गुजर जाने का अहसास नहीं
वक्त तो है मगर ,वक्त को, कैसे गुजारें ,अहसास नहीं
जिंदा हूं ,मैं मगर, जिंदगी का अहसास नही
चल दिया ,दूर कहीं ,पर दूर जाने का ,एहसास नहीं
जिंदा हूं ,मैं मगर, जिंदगी का अहसास नही
दर्दे है पर , दर्द का अहसास नहीं है, कुछ भी कहे जाने को
Trying to write lyric
तेरी जिक्र को,मैं फिक्र में रखूं। तेरी दिल को दिल में , खास रखूं ।
खोया तुझे हूं,खुद को नहीं । फिर खोया हुआ हूं ,क्यों खुद में कहीं ।
चल दिया मैं ~क्यों इस कदर,
था रास्तों का ना कोई फिकर,
चल दिया मै, क्यों इधर ।
तेरी बातों को, बातों में याद रखूं ,
तेरी यादों को, यादों में खास रखू़ं।
थी फैसले ,अपनी मगर, थी सही ,तेरे लिए ।
तेरी ख्वाब को ,ख्वाब में याद रखूं
तेरी चाहतो को, चाहतो में खास रखू़ं।
मेरे एहसास
बदलते जिंदगी के राह भी बदल गए, जो सोचा ना था,वो ख्वाब भी बदल गए। मुश्किल तो थी जिंदगी, जीना तेरे बगैर,पर तनहाइयां,तेरे बगैर भी जीना सिखा गई।
Dialogue
जिंदगी से रूठ कर जाऊं तो कहां जाऊं,जब तुम थे,तो जिंदगी थी, अब नहीं हो तो,मैं खुद ही एक जिंदगी हूं।
Saturday, August 4, 2018
मेरे एहसास
खामोशी की नगरी में,देखो मैं अभी भी मुस्कुरा रहा हूं। शायद यह उनकी यादें,जिन्हें अभी भी याद कर के गुनगुना रहा हूं।
मेरे एहसास
क्यों लगता है कि मैं तेरा साथ छोड़ दूं, तुम जिंदगी ही तो है,कोई ख्वाब थोड़ी ही है,जो आंखें खुले और टूट जाए ।
Friday, August 3, 2018
मेरे एहसास
अगर गिर जाओ तुम यहां तो, समझना,चलना सीख लिए। वरना गिरे हुए को,तो समंदर भी ठोकरे नहीं मारती।
Thursday, August 2, 2018
मेरे एहसास
पहेलीया बुझाता रहा दिल को, सांसों में उलझाता रहा दिल को, धड़कना तेरी आदत है,याद दिलाता रहा दिल को,नजरें ना जाने झुकी क्यों थी, शायद खुद को,खुद से छिपा रही थी।
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