Sunday, January 23, 2022

वजह आज भी यही है

शाम ढल रही थी, किन्हीं के इंतजार में, वजह आज भी वही है, जो कल थी। हमें नींद आई नहीं और ख्वाब थक गए हमारे सोने के इंतजार में।

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