अब शिकायत नहीं है दिल तुमसे, जब जाना धड़कना ही तेरी फितरत है। पर क्या तुझे मेरी खामोशी चुभती नहीं।
Tuesday, March 31, 2020
Monday, March 30, 2020
Thought of the day
जिंदगी गुनाह ना करती, तो इसे जीना कहां आता। कभी सुना है,नदियां यूं ही मिल जाया करती है समुंदर में, इन्हें मीलों का सफर तय करना पड़ता है दोस्त।
Sunday, March 29, 2020
Saturday, March 28, 2020
मेरे एहसास
जिन्हें वक्त की कद्र थी, वो ठुकरा दिए हमें, उन्हें क्या मालूम था ,अपना वक्त दिया करते थे हम उन्हें ।
कहीं ख्वाहिशें दफन ना हो जाए
ख्वाहिशें ढूंढूं तो कहां ढूंढूं ,एक ख्वाहिश मेरे दिल में भी दफन हो गया, अब बिना ख्वाहिशों के जीना सीख रहा हूं इस
डर से कि और ख्वाहिशें दफन हो जाए मेरे दिल में।
Thursday, March 26, 2020
मेरे एहसास
बिछी हुई यादों को समेटने चला ,उन यादों में भी धोखा था, तस्वीर किन्हीं और का था और नाम उनका लिखा था।
मेरे एहसास
सुकून अगर मुझे भी मिल जाती ,गैरों की बाहों में, तो यह इल्जाम हमें भी ना लगता की ,तुम्हें एहसासों की फिक्र नहीं।
मेरे एहसास
उन्हें लौट आने का ख्याल रखूं तो कैसे, जब वह दूर गए ही नहीं, कभी बातों में, कभी लिखी हुई एहसासों में, और ना जाने कहां-कहां छुपी हुई है, हर दिन कहीं-न-कहीं से उन्हें ढूंढ ही लाता हूं।
Tuesday, March 17, 2020
Monday, March 16, 2020
Saturday, March 14, 2020
मेरे एहसास
कितनी खामोश हो गई हैं वो, मुस्कुराहट ही तो मांगा था उनका, उन्हें भी वो अब छुपा गई, भला ऐसी भी कोई मोहब्बत करता है क्या?
Friday, March 13, 2020
मेरे एहसास
हंसती हुई तस्वीर से मैंने पूछा ,मुस्कुराने की वजह तो बता दो, तस्वीर खामोश रही, शायद इसे भी मेरी तरह मुस्कुराने की आदत है।
Wednesday, March 11, 2020
Thought of the Day
जख्म अभी तक भरे नहीं, यह सोचकर कब तक बैठा रहूं,भले ही तारे रात में नजर आए हैं, पर वो उजाले में छुप जाते हैं क्या?
Tuesday, March 10, 2020
जिंदगी
फुर्सत मिला था मुझे भी ए जिंदगी, तो सोचा तुझे पढ़ लूं ,तेरे कुछ ही पन्ने पलटे थे हमने, फिर हिम्मत ना हुआ आगे पढ़ने को ,कुछ ही पन्नें तेरी पूरी किताब खोल दी थी।
Happy Holi
रंग लगा दे मुझे भी कोई,परहेज नहीं है रंगों से, खयालों में तो हर रोज डूबा रहता हूं, कोई डूबा दे आज मुझे प्यार भरी रंगो की होली में।
Wish You Happy Holi
Saturday, March 7, 2020
Friday, March 6, 2020
मेरे एहसास
इतनी खामोश हो जाऊंगा मैं, हवा बनकर तेरे पास से होकर गुजर जाऊंगा,और तुम महसूस भी ना कर सकोगी।
Thursday, March 5, 2020
मेरे एहसास
गुजर गई वो शाम भी, जिनका वर्षों से इंतजार था, तलाश मैं अब किनकी करूं , जब मैं कुछ भूला ही नहीं।
Wednesday, March 4, 2020
मेरे एहसास
हर रोज लड़ता हूं तन्हाई से, महफिल के वास्ते, गया में महफिल में,पर महफ़िल ही तनहा हो गया, ना जाने किन के वास्ते, मायूस होकर लौट ही रहा था,तब खयाल आया, तन्हा हम थे ,महफिल ना थी किसी के वास्ते।
Sunday, March 1, 2020
मेरे एहसास
महफिल में पर्दे लगाकर,लोग महफिल में डूब जाते हैं ,काश उस पर्दे में भी पर्दा होता ,जिस पर्दे में लोग खुद को छुपा लेते।
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