तेरी जिक्र को, मैं फिक्र में रखूं । तेरी दिल को दिल में , खास रखूं ।
खोया तुझे हूं, खुद को नहीं । फिर खोया हुआ हूं ,क्यों खुद में कहीं ।
चल दिया मैं ~क्यों इस कदर,
था रास्तों का ना कोई फिकर,
चल दिया मै, क्यों इधर ।
तेरी बातों को, बातों में याद रखूं ,
तेरी यादों को, यादों में खास रखू़ं।
थी फैसले ,अपनी मगर, थी सही ,तेरे लिए ।
तेरी ख्वाब को ,ख्वाब में याद रखूं
तेरी चाहतो को, चाहतो में खास रखू़ं।
खोया तुझे हूं, खुद को नहीं । फिर खोया हुआ हूं ,क्यों खुद में कहीं ।
चल दिया मैं ~क्यों इस कदर,
था रास्तों का ना कोई फिकर,
चल दिया मै, क्यों इधर ।
तेरी बातों को, बातों में याद रखूं ,
तेरी यादों को, यादों में खास रखू़ं।
थी फैसले ,अपनी मगर, थी सही ,तेरे लिए ।
तेरी ख्वाब को ,ख्वाब में याद रखूं
तेरी चाहतो को, चाहतो में खास रखू़ं।
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