हम दर्द में क्या डूबे, जमाने ने हमें डूबती हुई कश्ती की तरह छोड़ दिया।पर याद रखना मेरे दोस्त,वक्त बदलता है और डूबती कश्ती भी किनारा मिल जाता है ।
Tuesday, October 25, 2016
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