अजीब सी चाहत हो गए हैं ,मन क्या करे भी, मन को अच्छा ना लगे ,जब मन को अच्छा लगने वाला ही ,साथ नहीं ,सब कुछ अच्छा सुहाना तभी लगे ,जब साथ हो उनका ,यही आश रही।
By Arti Gupta
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