आत्मा पानी की तरह बेरंग है,पानी मे चाहे जो भी रंग
मिला दो,वो तब-तक उसी रंग मे बना रहेगा,जब-तक
रंग पानी के साथ है। रंग चाहे किसी रंग की हो,पानी को
फ्रक नही पडता।
उसी प्रकार अात्मा को हमारे अच्छे या बुरे कर्म से कोई
फ्रक नही पडता।
यह हमारे रंग रूपी शरीर मे तब-तक रहता है,जब-तक
यह नष्ट ना हो जाए।
हमारे अच्छे या बुरे कर्म ,रंग की भाँती , हमारे व्यक्तित्व
को ,समाज को दिखाता है।
अगर हम अच्छे कर्म करते है ,तो, अच्छे व्यक्तित्व के व्यक्ति
कहे जाते है और बुरे कर्म करे तो बुरे ।
RSWA
मिला दो,वो तब-तक उसी रंग मे बना रहेगा,जब-तक
रंग पानी के साथ है। रंग चाहे किसी रंग की हो,पानी को
फ्रक नही पडता।
उसी प्रकार अात्मा को हमारे अच्छे या बुरे कर्म से कोई
फ्रक नही पडता।
यह हमारे रंग रूपी शरीर मे तब-तक रहता है,जब-तक
यह नष्ट ना हो जाए।
हमारे अच्छे या बुरे कर्म ,रंग की भाँती , हमारे व्यक्तित्व
को ,समाज को दिखाता है।
अगर हम अच्छे कर्म करते है ,तो, अच्छे व्यक्तित्व के व्यक्ति
कहे जाते है और बुरे कर्म करे तो बुरे ।
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