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Saturday, June 1, 2024
तन्हा ही सही
सफर में तन्हा कल भी था, सफर में तन्हा आज भी हूं। दूसरों के दर्द को लिखने का हुनर जान चुका था, खुद का दर्द लिखने का हिम्मत ना था, सोचा तन्हा ही सही जी लेते हैं।
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