Friday, June 28, 2024

गुनाह

वो साथ भी थे, खामोश भी थे, हम ना खामोशी समझ पाए, ना साथ। कोई माफ करे भी तो कैसे, गुनाह बड़ा किया था हमने।

Thursday, June 6, 2024

सफर इतना ही था

सफर इतना ही था मेरा, की हम तुमसे मिल सके, लौटू या रह जाऊं, बताना तुम्हें था।

Tuesday, June 4, 2024

हैरान हूं मैं

खुदा से मांगा तुम्हें और तुम मिल भी गए,पर मैं संभाल न सका,अब तुम दोनों नहीं सुनते, हैरान हूं मैं,कि तुम रूठे हो या खुदा।

Saturday, June 1, 2024

तन्हा ही सही

सफर में तन्हा कल भी था, सफर में तन्हा आज भी हूं। दूसरों के दर्द को लिखने का हुनर जान चुका था, खुद का दर्द लिखने का हिम्मत ना था, सोचा तन्हा ही सही जी लेते हैं।

The Story

किस्सा हमारा भी था,किस्सा उनका भी था,उन्होंने दफन कर दिए और हम आज भी उन्हें संभाल कर रखे हैं।