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Saturday, July 16, 2022
सफर
सफर में तन्हा ही था फिर तुम आए, दो कदम साथ भी चले तुम, फिर मैं पीछे छूटा या तुम, हम आज तक सोचते हैं सफर में जल्दी किन्हें था । कभी मिलो तो बता देना मंजिल मिली या सफर में आज भी मेरी तरह तन्हा हो।
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