Thursday, July 28, 2022
कोई ढूंढ लेता
कितने राज दफन करूं इस सीने में, अगर दिल मिट्टी का और राज धातु के होते, तो सुकून होता, मेरे ना रहने पर कोई तो ढूंढ लेता।
Monday, July 18, 2022
Saturday, July 16, 2022
सफर
सफर में तन्हा ही था फिर तुम आए, दो कदम साथ भी चले तुम, फिर मैं पीछे छूटा या तुम, हम आज तक सोचते हैं सफर में जल्दी किन्हें था । कभी मिलो तो बता देना मंजिल मिली या सफर में आज भी मेरी तरह तन्हा हो।
Friday, July 8, 2022
कुछ यादें
दर्द चाहूं तो मैं भी बांट दूं, सुना है दर्द बांटने से कम हो जाती है।
पर दर्द में भी तुम हो और तुझे बांटना मुझे मंजूर नहीं।
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