Sunday, May 22, 2022

गुजरा तो होगा वो

हर रोज की तरह आज भी एक शाम चली गई, गुजरा तो होगा वो कहीं से। शायद, मैं हर रोज की तरह, गलत रास्ते पर इंतजार करता रहा गया।

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