Thursday, March 24, 2022

जो तुम्हें भूलने ना दे

जख्म अभी भी उतनी ही बाकी है, जितना तुम दे गए थे। कुछ निशानियां तो होनी चाहिए, जो तुम्हें भूलने ना दे।

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