Saturday, July 20, 2019

बाढ़ और सुखाड़ बना मोटी रकम कमाने का जरिया

कड़वा है पर सच है देश में कहीं सुखाड़ तो कहीं बाढ़ की स्थिति बनी हुई है ये प्राकृतिक आपदा है इसे कोई रोक नहीं सकता, लेकिन हमें यह भी समझना चाहिए की प्राकृतिक आपदा वह आपदा है जो अचानक आ जाए। हम उस प्राकृतिक आपदा को प्राकृतिक आपदा नहीं कह सकते हैं,जो हर साल वही क्षेत्र विशेष में घटती हो,लेकिन देश के अधिकांश वहीं हिस्सों में बाढ़ सुखाड़ आते हैं,जहां हर वर्ष आते हैं। चाहे वह राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार,उन्हें यह पता होता है किए इन हिस्सों में हमेशा बाढ़ की और सुखाड़ की स्थिति बनी ही रहती है,फिर भी अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यह चिंता का विषय है । और मेरा यह मानना है की देश के भ्रष्ट नेता और नौकरशाह चाहते ही नहीं की ऐसी आपदाओं से उन क्षेत्रों को मुक्त कराया जाए जहां हर वर्ष ऐसी आपदाएं आती है। इसका सबसे बड़ा कारण है आपदा के दौरान सरकार द्वारा दी गई *मोटी रकम*‌। बाढ़ और सुखाड़ जैसी आपदाएं हमारे देश के भ्रष्ट नेताओं और अफसरों के लिए एक बहुत बड़ा कमाई का जरिया बन गया है । इससे हर वर्ष करोड़ों की कमाई की जा रही है। अगर बाढ़ और सुखाड़ जैसी आपदाओं के लिए कोई ठोस कार्रवाई की जाती है तो यह कमाई का बहुत बड़ा जरिया रुक जाएगा ।इस कारण हमारे देश के ये भ्रष्ट लोग चाहते ही नहीं कि ऐसी आपदाएं रुके।

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