Thursday, January 17, 2019

मेरे एहसास

ना जाने कितने ख्वाब है,आज हमने खुद को तड़पते देखा है,चलो कहीं दूर आशियाना बनाते हैं,जीना तो सीख जाऊंगा उनके बगैर। हकीकत तो होगा ही, आज ना हुआ तो कल।

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