Sunday, June 24, 2018

मेरे एहसास

शब्द तारीफ करें,तो मेरा क्या कसूर। रोकना है तो रोको इन हवाओं को,दिल धड़कती है,तो दिल का क्या कसूर। रोकना है तो रोक दो इन धड़कनों को, बंदीसे लफ्जों को खामोश कर सकती है,धड़कनों को नहीं, इसमें मेरा क्या कसूर।

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