अपना दर्द किसी से बांट भी नहीं सकता, सुना है दर्द बांटने से कम होता है , तो मैं किसी से कैसे बाँट सकता हूं तुम्हें
Friday, June 10, 2016
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
हिंदी शायरी, Hindi Shayari, Political view, Social Novel and Lyrics
No comments:
Post a Comment