एक ऐसी दुनियाँ जहाँ ना जाने कितने अनसुलझे शब्द रहते है,और अगर हम इसे सुलझाने की कोशिस करते है तो और उलझते जाते है ।
मै उसी दुनियाँ का एक हिस्सा हुँ, एक ऐसी दुनियाँ जो ख्वाबो मे शुरु होती है और ख्वाबो मे ही अंत हो जाता है ।
इस दुनियाँ को प्यार की दुनियाँ कहते है, जहाँ खेल सीर्फ दिलों का होता है ,यहाँ दिमाग का कोइ खेल नही होता है,यहाँ दिल ही सोचता है और दिल
ही करता है, दिमाग तो बस उसका हिस्सा बनकर रह जाता है।
यहाँ समय के चाल का कोइ महत्व नही होता है,यहाँ सिर्फ दिल के धडकनो के रफतार का महत्व होता है।
समय अपने रफतार से चलता है ,पर दिल के धडकनों का रफतार बदलता रहता है,कभी तेज तो कभी मंद ।
शायद इसी लिए मेरा मानना हैकि दिल भी एक घडी है जो अपने रफतार से चलता है,और यह तब तक बंद नही होता जब तक साँसे इसका साथ ना छोड दे।
इस दुनियाँ का शुरुआत तब होता है जब आपका दिल का रफतार किसी ओर के कारण बदल जाता है।
और इस दुनियाँ का रहस्य तब और रहस्यमय हो जाता है जब आपका दिल किसी ओर के लिए अपना रफतार बदल देता है पर उस दिल को आपके दिल के रफतार से कोइ फर्क नही पडता है ,और अगर आप तब भी आपने दिल के रफतार को नही संभालते है तो यह मान लेना चाहिए की अब आपके दिल के रफतार को कोइ और संभालता है, और यह रफतार तब तक नही संभलेंगी जब तक आपका दिल धडकना बंद ना कर दे।
और इस दुनियाँ का रहस्य आपके जाने के साथ ही चला जाता है और रहस्य रहस्य ही रह जाता है ,एक अनशुलझा
मै उसी दुनियाँ का एक हिस्सा हुँ, एक ऐसी दुनियाँ जो ख्वाबो मे शुरु होती है और ख्वाबो मे ही अंत हो जाता है ।
इस दुनियाँ को प्यार की दुनियाँ कहते है, जहाँ खेल सीर्फ दिलों का होता है ,यहाँ दिमाग का कोइ खेल नही होता है,यहाँ दिल ही सोचता है और दिल
ही करता है, दिमाग तो बस उसका हिस्सा बनकर रह जाता है।
यहाँ समय के चाल का कोइ महत्व नही होता है,यहाँ सिर्फ दिल के धडकनो के रफतार का महत्व होता है।
समय अपने रफतार से चलता है ,पर दिल के धडकनों का रफतार बदलता रहता है,कभी तेज तो कभी मंद ।
शायद इसी लिए मेरा मानना हैकि दिल भी एक घडी है जो अपने रफतार से चलता है,और यह तब तक बंद नही होता जब तक साँसे इसका साथ ना छोड दे।
इस दुनियाँ का शुरुआत तब होता है जब आपका दिल का रफतार किसी ओर के कारण बदल जाता है।
और इस दुनियाँ का रहस्य तब और रहस्यमय हो जाता है जब आपका दिल किसी ओर के लिए अपना रफतार बदल देता है पर उस दिल को आपके दिल के रफतार से कोइ फर्क नही पडता है ,और अगर आप तब भी आपने दिल के रफतार को नही संभालते है तो यह मान लेना चाहिए की अब आपके दिल के रफतार को कोइ और संभालता है, और यह रफतार तब तक नही संभलेंगी जब तक आपका दिल धडकना बंद ना कर दे।
और इस दुनियाँ का रहस्य आपके जाने के साथ ही चला जाता है और रहस्य रहस्य ही रह जाता है ,एक अनशुलझा
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