डर ही हमारे दुःखो का सबसे बड़ा कारण है।
हम यह सोचकर डरते होकि लोग क्या कहेगे।
जिस दिन हम लोगो की नहीँ अपने दिल की
सुनोगे ,डर हमें डराना छोड़ देगी ।
जब हम डर को अपने अंदर से निकाल देंगें,
तो हमे अपने ज़िंदगी से कोई शिकायत नहीँ
होगी,कि मैने ये ना कहा ,मैने वो काम ना किया।
मिले या ना मिले इसकी हमे चिंता नहीँ करनी
चाहिए ।
हम यह सोचकर डरते होकि लोग क्या कहेगे।
जिस दिन हम लोगो की नहीँ अपने दिल की
सुनोगे ,डर हमें डराना छोड़ देगी ।
जब हम डर को अपने अंदर से निकाल देंगें,
तो हमे अपने ज़िंदगी से कोई शिकायत नहीँ
होगी,कि मैने ये ना कहा ,मैने वो काम ना किया।
मिले या ना मिले इसकी हमे चिंता नहीँ करनी
चाहिए ।
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