Saturday, August 27, 2022

शब्दों के जादूगर ना तुम थे, ना मैं

शब्दों के जादूगर ना तुम थे, ना मैं। मैं हूं ,ये मैं याद दिलाता रहूंगा, तुम हो, ये तुम याद दिलाते रहना ,हमारी शुरुआत भी कुछ ऐसी ही हुई थी और अंत भी होगी।

Thursday, August 18, 2022

सुकून है

याद तुम्हारी अब भी आती है, सुकून है मुझे इस बात का, कि तुम आज भी याद हो मुझे।

Tuesday, August 16, 2022

वो लोग

अक्सर वो लोग लफ्जों में खामोश हो जाते हैं, जो खास होते हैं, दिल देखता कौन है जनाब।