Sunday, October 28, 2018

Dialogue

एहसास हू मैं, एहसास ही रहने दो, फिजूल की अल्फाजों में क्यों पड़ती हो तुम,जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं ।

मेरे एहसास

वक्त का क्या पता,कब गुजर जाए,एक एहसास मेरे दिल में भी रह लेने दो, कि अफसोस ना हो, कि अब तुम कुछ भी नहीं ।

मेरे एहसास

अगर मोहब्बत ही थी,मेरे दिल में, तो फिर तन्हा कैसे हुआ।ख्याल तब आया, जब मुस्कुरा कर उनके दर आया।

Dialogue

दीखती रही मौत का समुंदर,फिर भी मैं हंसता रहा । जाता भी तो कहां जाता, समुंदर के बीच में जो खड़ा था ।

Saturday, October 27, 2018

मेरे एहसास

टूटा नहीं हूं मैं, मुस्कान अपने साथ रखा हूं, नजर से तुम देखो या ना देखो, तेरे हर मुस्कान को अपने साथ रख हूं मैं। रूठ जाने दो जमाने को, अपने होठों से तेरा ही नाम रटता हूं मैं।

Friday, October 26, 2018

मेरे एहसास

मिटा तो देते,हम भी ख्वाबों का आशियाना,पर मालूम था हमें, ख्वाब के साथ हम भी टूट जाएंगे।

Thursday, October 25, 2018

मेरे एहसास

सांसों को कैसे बह जाने दू,इन हवाओं में ,परख तो हम भी ना पाएं, किस ओर बह रही है ये। पर याद आया धड़कती तो है।

Monday, October 22, 2018

Dialogue

ख्वाहिशों का क्या है साहब वो तो हर रोज आते-जाते हैं, बदतमीज तो यह दिल है, जो कभी मेरा सुनता ही नहीं।

Thursday, October 11, 2018

Dialogue

मेरा दिल अब दिल नहीं,उनकी यादों का कब्र हैं। और कब्र अक्सर तन्हाईयों में ही रहते हैं।

Friday, October 5, 2018

Dialogue

अगर लौट कर ना आऊं तो शिकायत ना करना,मेरी मंजिल ही कुछ ऐसी है, जहां रास्ते तो है, पर रास्ता नहीं।