खबरोँ मेँ हमेशा आते रहता है, यहाँ sanskri विधालय/काँलेज खुला है,यहाँ Urdu विधालय/काँलेज खुला है!यह बहुत ही अच्छा हैकिँ sanskrit सीखने के इच्छा रखने वाले sanskrit सीख रहे है और urdu के चाह रखने वाले urdu ! और इससे भी अच्छा यह हैँकि राजनेताओँ का वोट बैँक बढ रहा है,इससे अच्छी बात्त क्या हो सकता हैँ। जिन्हे देश को एक सूत्र मेँ ,एक धागेँ मे पीरोने का काम मिला हैँ वहीँ इस काम को भुल गयेँ हैँ। अपने वोट बैँक बढाने के लिए Sanskrit विधालय तो Urdu विधालय खुलवा रहे हैँ। इससे क्या फायदा होगा, अगर वह चाहते ही हैँकि Sanskrit के छात्र Sanskrit और Urdu के छात्र Urdu सीखे तो उन्हे एक ही स्कूल/काँलेज मेँ इन विषयोँ की पढायीया करवानी चाहिए ताकि हर धर्म हर वर्ग के छात्रोँ के बीच भाई चारे की भावना रहे, सहयोग का भावना रहे, एकता की भावना रखे। इनके बीच की दूरीयाँ मिट सके।जिससे हमारा देश एक सूत्र मे बन्धा रहेगा औ उन शहिदोँ का सपना पुरा होगाँ जिन्होने देश के लिए अपने आप को कुर्बान कर दिया।
Name RSWA
Student B.Sc(it)
Sunday, April 8, 2012
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