Saturday, September 9, 2017

सफर था तन्हा मगर

सफर था तन्हा मगर, यादों का था कारवां । चाहत तो निकल ना सकी, उम्र निकलने को चल पड़ी। रोकता भी तो ,किसे रोकता , था वो यादों का कारवां ।

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