Saturday, August 18, 2018

मेरे एहसास

आज मैं लिखता रहूंगा,तोड़कर हर बंदिशें, रोकना मुझको नहीं, मैं रक्त से लिखता रहूंगा,तोड़कर हर बंदिशें। रात भी जगते रहेगी, चांद छोड़कर तेरी सारी ये बंदिशें।थक जाऊं अगर तो,तुम यह सोचना, शाम अब होने को है, उम्र अब सोने को है, आज मे लिखता रहूंगा,खत्म हो जाएगी, सारी ये बंदिशें।

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