Thursday, August 2, 2018

मेरे एहसास

पहेलीया बुझाता रहा दिल को, सांसों में उलझाता रहा दिल को, धड़कना तेरी आदत है,याद दिलाता रहा दिल को,नजरें ना जाने झुकी क्यों थी, शायद खुद को,खुद से छिपा रही थी।

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