Monday, July 9, 2018

मेरे एहसास

जश्न में डूबे थे वो,मैं भी डूबा था जश्न में। वो भी मुस्कुरा रहे थे,हम भी मुस्कुरा रहे थे,फिर भी ना जाने कौन अकेला था। भरी महफिल था,फिर भी सन्नाटा था।ना जाने क्या टूटा था,फिर भी हंसकर छुपाया जा रहा था।

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