Monday, July 30, 2018

मेरे एहसास

नहीं रोती हैं ये आंखें, इन्हें भी गम छुपाना आ गया। करते भी तो क्या करते, हमने इन्हें हंसना जो सिखा दिया।

मेरे एहसास

मेरी बात पर,तेरा बार-बार हंसना, मुस्कुराकर तेरा नजरें झुकाना, बिना कहे सब कुछ कह जाना, तेरी यादें एहसास दिलाती है,तुम दूर नहीं अभी भी पास हो। मजबूरी नहीं,आदत है तेरी यादों में जीना .... बेशर्त.. बेशर्त..बेशर्त।

Wednesday, July 25, 2018

मेरे एहसास

दूर तक चला था मैं,सपनों की तेरी रास्तों पर,बेशर्त। रुक भी जाओ अब,आरज़ू अब कुछ भी नहीं,ना उसे पाने की,ना अब उसे खोने की,बेशर्त।

Tuesday, July 24, 2018

मेरे एहसास

चल दिया फिर से मैं,बहती इन हवाओं में,ना जाने क्या रूख़ होगा इसका। मंजिल तो थी नहीं,पर रास्ता साफ था, रुकता तो संभल जाता,पर पैरों को कहां मंजूर था।

Saturday, July 21, 2018

मेरे एहसास

ढूंढ लूं मैं उन्हें,अगर वो भूल गई होती । कुछ कहता आगे बढ़कर,आईना ने बोल दिया मुझसे,देख तुम खुद को भूल गए हो,जाओ ढूंढो खुद को।

Thursday, July 19, 2018

मेरे एहसास

लिखने की तमन्ना थी हर मुस्कान को, पर वो मुस्कुरा ही ना पाए। वजह भी अजीब थी, दूर रहो,पर मुस्कुराते रहना।

Tuesday, July 17, 2018

One Nation One Election thought is harmful For BJP

मैं यह सोच-सोच कर हैरान हूंकि लोग सत्ता पाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं,लेकिन एक हमारे प्रधानमंत्री जी हैं जो राष्ट्र के लिए सत्ता का कोई महत्व ही नहीं देते। चाहे वोGSTहो,demonetisationहो, या अब One nation One Election की बात कह रहे है। अगर2019मे दोनों चुनाव एक साथ होती है,तो सबसे ज्यादा नुकसानBJPका ही होंगा, क्योंकि अधिकतर राज्यों मेंBJPके ही शासन है और कम से कम 15 राज्यों में तो 2019 के बाद भी बीजेपी का शासन रहेगा,अतः अगर बीजेपी 2019 में एक साथ चुनाव करवाती है तो BJP का सबसे ज्यादा घाटा है। और उससे भी ज्यादा मैं यह सोच सोच कर हैरान हूंकि One Nation One Election का समर्थन विपक्षी दल क्यों नहीं कर रहे हैं। अगर वो दोनों चुनाव एक साथ करवा दें तो राज्य और केंद्र दोनों जगह एक बार में सत्ता पर आ सकते हैं,तो फिर ऐसी कौन सी डर सता रही है,जिसके कारण वो One Nation One Election का समर्थन नहीं कर रहे हैं।

Friday, July 13, 2018

मेरे एहसास

अब ये सफेद कागजें भी थक गई है, तेरी यादों को समेटते-समेटते, पर शायद ये दिल नही। यकीनन ये याद दिलाती है,तुझे खोने का।

Thursday, July 12, 2018

मेरे एहसास

ना जाने हमने कितने ख्वाब सजाए थे,वो पल भर में टूट गए। यकीनन वो ख्वाब ही थे,हकीकत नहीं, शायद इसीलिए टूट गए।

Tuesday, July 10, 2018

मेरे एहसास

मिलते तो चांद सितारे भी नहीं है, पर गुमान उन्हें भी होता है।आने दो वक्त,चमक हम भी जाएंगे।

Monday, July 9, 2018

मेरे एहसास

जश्न में डूबे थे वो,मैं भी डूबा था जश्न में। वो भी मुस्कुरा रहे थे,हम भी मुस्कुरा रहे थे,फिर भी ना जाने कौन अकेला था। भरी महफिल था,फिर भी सन्नाटा था।ना जाने क्या टूटा था,फिर भी हंसकर छुपाया जा रहा था।

Sunday, July 8, 2018

मेरे एहसास

लिख देता हूं उनकी यादों को खूबसूरत लम्हा मान कर , यकीनन वो खूबसूरत ही होंगे।

Saturday, July 7, 2018

मेरे एहसास

बेवजह मुस्कुराता हर रोज हूं मैं, पर यकीनन,मेरी मुस्कुराहट में, वो कहीं छिपे होते है ।

Thursday, July 5, 2018

मेरे एहसास

अब तो सांसे भी गिन कर लेता हूं, कहीं यह भी रूठ गई तो,मुझे तो मनाना भी नहीं आता

मेरे एहसास

मुस्कुराकर महफिलों में हम भी गा लिया करते हैं, झूठी ही सही, पर हंसी के पर्दे गिरा दिया करते हैं। चलो एक झूठी दुनिया बसाते हैं, पर यकीनन इस दुनिया में तुम ना होगी।

Sunday, July 1, 2018

मेरे एहसास

गिनू तो क्या गिनू,फर्श पर बस पत्थर पड़ा है। चलो समेट लेता हूं, शायद कहीं इसमें मेरा दिल पड़ा हो।

मेरे एहसास

कहूं तो क्या कहूं,बस राज ही सही। है तेरे लिए बनी,महफिल कि ये जमी,मैं तो बस तनहा ही सही,छोड़ दी हमने महफिलों की गली।